गडचिरोली के हाथियों को आनन-फानन में हस्तांतरीत नहीं किया जाएगा
राज्य सरकार का उच्च न्यायालय से वादा, 15 सितंबर को होगी सुनवाई
नागपुर-दि. 9 गडचिरोली व चंद्रपुर जिले के बकाया पालतु हथियों को गुजरात में तत्काल स्थलांतरित नहीं किया जाएगा, ऐसा मौखिक वादा राज्य सरकार ने गुरुवार को मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में किया. जिसके कारण अदालत ने हाथी स्थलांतरण को स्थगिति देने की जरुरत नहीं, ऐसा स्पष्ट करते हुए इस मामले पर आगामी 15 सितंबर को अगली सुनवाई ली जाएगी. इसी तरह राज्य सरकार समेत अन्य प्रतिवादियों को इस तारीख तक लिखित जवाब पेश करने के जवाब दिये है.
इस बारे में न्यायालय ने खुद जनहीत याचिका दायर की है. इस याचिका पर न्यायमूर्तिव्दय सुनील श्ाुक्रे व वाल्मिकी एस. ए. मेनेझेस के समक्ष सुनवाई ली गई. वन विभाग के आदेशानुसार अब तक चंद्रपुर व गडचिरोली जिले के 9 हाथी गुजरात में जामनगर नगर में स्थलांतरित किये गए हैं. इसके बाद सिरोंचा वन विभाग अंतर्गत आने वाले कमलापुर के 4 हाथी स्थलांतरित करने की हलचल को गति मिली थी. जिसके चलते कमलापुर ग्रामपंचायत ने इसके खिलाफ ठराव पारित किया. इसी तरह विभिन्न पर्यावरण व सामाजिक संस्थाओं ने भी विरोध किया. वन विभाग ने पीछे नहीं लिया था. इस बीच यह विषय उच्च न्यायालय में पहुंचा. जिसके कारण वन विभाग पीछे हटा. फिलहाल कमलापुर समेत अन्य जगह के पालतु हाथी गुजरात में स्थलांतरित करने की प्रक्रिया रोकी गई है. रिलायन्स समूह की ओर से गुजरात के जामनगर में भव्य प्राणी संग्रहालय निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए देश के विभिन्न स्थानों से प्राणी जामनगर में स्थलांतरित किये जा रहे है. वरिष्ठ अभिवक्ता एड. जुगलकिशोर गिल्डा व एड. प्रकाश टेंभरे ने न्यायालय मित्र के रुप में और एड. केतकी जोशी ने सरकार की ओर से कामकाज देखा.