विदर्भ

गवली समाज का बेटा हुआ डॉक्टर

 मेलघाट में पहला डॉक्टर होने का सम्मान

धारणी/दि. 5– गवली समाज का मूल व्यवसाय पशुपालन है. उससे दूध निकालना और बिक्री करना तथा परिवार का पालनपोषण करना है. लेकिन धारणी तहसील के आदिवासी बहुल क्षेत्र के कोट जहांगीर जैसे छोटे से गांव में रहनेवाले डॉ. देवीदास वासुदेव भाकरे नामक युवक ने गरीब परिस्थिति को मात करते हुए एमबीबीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की. गवली समाज में पहला डॉक्टर होने का उसने सम्मान प्राप्त किया है.

डॉ. देवीदास भाकरे यह धारणी तहसील के अति बहुल गांव कोट जहांगीर के रहनेवाले है. उनका पुस्तैनी व्यवसाय पशुपालन करना और दुग्ध व्यवसाय कर अपने परिवार का पालनपोषण करना है. डॉ. देवीदास की प्राथमिक शिक्षा जिला परिषद प्राथमिक शाला कोट गांव में ही हुई है. माध्यमिक शिक्षण ज्ञान मंदिर शाला, कस्तुरबा गांधी विद्यालय धारणी में पूर्ण किया और 12 वी सायंस रा.सू. गवई महाविद्यालय टेंब्रूसोंडा में पूर्ण कर उसने मेडीकल नीट की परीक्षा 2018 में उत्तीर्ण कर श्री वसंतराव नाईक शासकीय मेडीकल कालेज में वैद्यकीय शिक्षा पूर्ण करते हुए डॉक्टरेट की पदवी प्राप्त की है. गवली समाज के और मेलघाट के कोट गांव में रहनेवाला डॉ. देवीदास भाकरे जिसके घर में किसी ने भी उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं की है. लेकिन प्रतिकूल परिस्थिति पर मात करते हुए उसने अपनी वैद्यकीय शिक्षा पूर्ण की. इस कारण समाजबंधुओं ने उसका अभिनंदन किया है.

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