विदर्भ

अजनी इंटर मॉडल स्टेशन हेतु तुरंत पर्यावरण विषयक अनुमति ले

नागपुर खंडपीठ का राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण को निर्देश

नागपुर/दि.3 – नागपुर के महत्वाकांक्षी अजनी इंटर मॉडल ट्रांस्पोर्ट स्टेशन प्रकल्प के लिए पर्यावरण विषयक अनुमति लेने की आवश्यकता होने पर इसके लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाये जाये, ऐसे आदेश मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने गुरुवार को भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण को दिए.
मामले पर न्यायमूर्तिद्वय सुनील शुके्र व अनिल किलोर के समक्ष सुनवाई हुई. दरमियान एड. एम. अनिलकुमार व एड.एस.एस. सन्याल ने सर्वोच्च न्यायालय ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी मामले में दिए गए निर्णय की ओर ध्यानाकर्षित किया. उन्होंने बताया कि इस निर्णयानुसार केंद्र सरकार,सशस्त्र सेना या अन्य किसी भी प्राधिकरण की जमीन पर विकास करना हो तब भी पर्यावरण विषयक अनुमति आवश्यक है.उच्च न्यायालय ने इस बात को ध्यान में रखते हुए महामार्ग प्राधिकरण को इस संदर्भ के नियम जांचने व पर्यावरण विषयक अनुमति आवश्यक प्राप्त करनी हो तो तुरंत मिलने के निर्देश दिए. वहीं इसके लिए न्यायालय के आदेश की आवश्यकता होने पर वह भी बताया जाए, ऐसा कहा गया.
इस प्रकल्प के लिए अजनी के हजारों वृक्ष तोड़े जाएंगे. जिसके खिलाफ एड. श्वेता बुरबुरे, फोटोग्राफर अजय तिवारी व स्वच्छ असोसिएशन ने जनहित याचिका दाखल की है. पर्यावरण का संरक्षण करना सरकारी जिम्मेदारी है. विविध रिपोर्ट अनुसार नागपुर का तापमान व प्रदूषण दिन ब दिन बढ़ रहा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस स्थिति में अजनी की घनी वनसंपदा नष्ट करने से पर्यावरण का काफी नुकसान होगा. इस नुकसान की भरपाई कभी नहीं हो सकेगी.एड. अनिलकुमार ने याचिकाकर्ता की तरफ से, एड. सन्याल ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की तरफ से तो एड. आनंद परचुरे ने महामार्ग प्राधिकरण की ओर से कामकाज देखा.

वृक्ष तोड़ने के आक्षेप पर चार सप्ताह में निर्णय दें

राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण ने अजनी के 4 हजार 930 वृक्ष काटने के लिए महानगरपालिका में प्रस्तुत किए गए आवेदन पर सात हजार से अधिक आक्षेप आये हैं. उच्च न्यायालय ने प्रााधिकरण का आवेदन व उस पर का आक्षेप एक सप्ताह में राज्य सरकार के पास भेजने और सरकार ने संबंधित आवेदन व आक्षेप पर उससे आगे चार सप्ताह में निर्णय लेने के आदेश भी दिए है.

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