विदर्भ

5 रुपए का माल मिल रहा 25 रुपयों में

मिनरल वॉटर साढेसोलह लाख का

नागपुर/दि.23 – बाजार में 5 रुपए में मिलने वाले मास्क खरीदी के लिए 25 रुपए के दर निर्धारित किये गए है. यहीं नहीं तो सैनेटाइजर छिडकाव के लिए 4 लाख की निविदा निकाली गई है. मिनरल वॉटर के लिए साढे सोलह लाख निर्धारित किये गए है. जिससे करोडों रुपए शीतकालीन अधिवेशन की तैयारियों पर खर्च होने से नागपुरवासियों ने रोष जताया है. प्रति वर्ष अधिवेशन पर होने वाली बेफिजुल खर्ची को रोकने की मांग जोर पकडते जा रही है.
राज्य का शीतकालीन अधिवेशन नागपुर में 7 दिसंबर से प्रस्तावित है. अधिवेशन की तैयारी के लिए केवल 45 दिन शेष रहने से सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग तैयारियों में जुट गया है. मरम्मत और रंगरोगन के साथ ही कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा साधनों पर भी बडे पैमाने पर खर्च करने का नियोजन किया है. प्रति वर्ष होने वाले करोडों रुपयों पर आपत्ति लेते हुए काम सही मायनों में होते है या इसका मूल्यांकन करने की जरुरत होने की बात अब जोर पकडने लगी है. इससे पहले किये गए कार्यों के करोडों रुपए बकाया होने पर नये सिरे से काम निकालने की कोई जरुरत नहीं थी.

ऐसा होगा खर्च

– विधायक आवास के लिए सैनेटाइजर- 16 लाख 35 हजार 29रुपए.
– अन्य इमारतों के लिए सैनेटाइजर (टेंडर-2)- 4 लाख 96हजार 178 रुपए.
– अन्य इमारतों के लिए सैनेटाइजर (टेंडर-3)- 12 लाख 51 हजार 507 रुपए.
– ढाई से तीन हजार रुपए में सैनेटाइजर मशीन मिलती है. जिसकी कीमत 8 हजार से अधिक दिखाई गई है.
– 20 लीटर पानी की कैन 20 से 30 रुपयों में मिलती है. जिसकी कीमत 95 रुपए दिखाई दे रही है.

कैसे हो रहा ठेकेदार को लाभ

अधिवेशन के लिए प्रशासन ने खर्च का प्रस्ताव तैयार किया है. उसके लिए विधान भवन, रवि भवन, नाग भवन, विधायक निवास सैनेटाइज किया जाएगा. देखरेख दुरुस्ती के अलावा रंगरोगण का काम भी किया जाएगा. साथ ही मंडप डेकोरेशन व अन्य काम भी किये जा रहे है. इन सभी पहलुओं पर खर्च का प्रस्ताव सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग की ओर से तैयार किया गया है. कौनसे पहलुओं के लिए कितना खर्च होगा, इसके लिए दर भी निर्धारित किये जाते है. सर्वाधिक कम दर की निविदा स्वीकार कर उन्हें काम दिया जाता है. 25 अक्तूबर से 1 नवंबर की अवधि टेंडर के लिए दी गई है. सरकारी दरों से भी कम कीमत में काम करने के लिए अनेक ठेकेदार तैयार होने की बात सामने आयी है. कुछ ठेकेदारों ने तो सरकारी खर्च की सीमा से ज्यादा 42 फीसदी कम खर्चे में काम करने की तैयारी इससे पूर्व दर्शाई थी.

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