नागपुर/दि.6- शेर, तेंदूआ समान वन्य प्राणियों के हमले में मृत्यु होने पर शासन द्वारा मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद दी जाती है. लेकिन सर्पदंश होने पर किसी भी प्रकार की मदद नहीं की जाती. जिसके चलते प्रशासन द्वारा राज्य शासन को इस बाबत का प्रस्ताव भेजकर मदद देने की विनंती की जाएगी, यह जानकारी जिलाधिकारी आर. विमला ने दी.
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव निमित्त जिला सूचना कार्यालय निर्मित वेबचर्चा संवाद कार्यक्रम में जिलाधिकारी आर. विमला ने पावसाळ्यातील आपत्ती व्यवस्थापन विषय पर संवाद साधा. निवाजी उपजिलाधिकारी विजया बनकर, उपजिलाधिकारी शिवराज पडोले, पियुष चिवंडे, आपत्ती व्यवस्थापन अधिकारी अंकुश गावंडे इस समय सहभागी हुए.
हर साल राज्य में हजारों किसान. खेत मजदूरों की सर्पदंश से मृत्यु होने के कारण उनके परिवार को सरकार की ओर से मदद नहीं किये जाने से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है. सरकार ने ऐसे पीड़ितों को मदद करनी चाहिए, ऐसी मांग की जा रही है. वन्य प्राणियों के हमले में मृत्यु होने पर परिजनों को 10 लाख, अपंगत्व आने पर पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है, मात्र इस योजना में सिर्फ बाघ, तेंदूआ, भालु, रानगवा, जंगली सुअर, लोमड़ी, तडस, मगर, हाथी व जंगली कुत्ते के हमले में मृत व अपंगत्व आने पर या जख्मी होने पर लाभ दिया जाता है. इसमें सांप व बिच्छू को वन्यजीव के रुप में नहीं पकड़ते हुए सांप, बिच्छू के काटने पर मृत्यु होने पर लाभ नहीं दिया जाता. गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना बीमा योजना अंतर्गत मदद दिये जाने की जानकारी आर. विमला ने दी. कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन जिला माहिती अधिकारी प्रवीण टाके ने किया.