विदर्भ

पंढरपुर के विठ्ठल को दान में मिला सोना पिघलाया जाएगा

विधि व न्याय विभाग ने दी अनुमति, 1985 से मिले हैं आभूषण

पंढरपुर/दि.12 – श्री विठ्ठल-रुक्मिणी को दान स्वरुप में आये और संभालने के लिए महत्वपूर्ण करीबन 28 किलो सोने के गहने पिघलाये जायेंगे. विधि व न्याय विभाग ने इसे अनुमति दिए जाने के साथ ही कार्तिकी यात्रा होने के बाद ये आभूषण पिघाले जायेंगे. ऐसी जानकारी मंदिर समिति के कार्यकारी अधिकारी गजानन गुरव ने दी.
मंदिर समिति की स्थापना से (1985) आज तक भक्तों द्वारा करीबन 28 किलो सोने व 996 किलो चांदी के हजारों छोटे-बड़े आभूषण जमा हुए हैं. इनमें से अधिकांश गहने संभालने के लिए महत्वपूर्ण हुए है. उनकी देखभाल व मोजमाप, मूल्यांकन करना भी कठिन हो गया है. यह सोने-चांदी के छोटे-बड़े गहने बोरे में भरकर रखने की नौबत आयी है. ये आभूषण भगवान के पारंपरिक, पहरावे के नहीं है. इस कारण वे पिघलाकर उसे सोने-चांदी की ईंटें या वस्तु बनाने का प्रस्ताव विधि व न्याय विभाग को वर्ष 2018 में भेजा गया था. लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था. इस बाबत समिति ने फिर से विधि व न्याय विभाग से इस बाबत पूछताछ करने पत्र दिया था. जिसे विधि व न्याय विभाग ने मंजूरी प्रदान की है. इस कारण कार्तिकी यात्रा खत्म होने के बाद 25 नवंबर के बाद इसमें से 19 किलो सोना व 425 किलो चांदी पिघलवाकर उनकी विविध वस्तु, गहने व शेष सोने व चांदी की ईंटें बनवाई जाएगी.

आबालवृद्धों को मिलेंगे विठ्ठल-रुक्मिणी के दर्शन

कोरोना महामारी की पार्श्वभूमि पर सुरक्षा के रुप में श्री विठ्ठल-रुख्मिणी का दर्शन लेने छोेटे बच्चे, गर्भवती महिला व वयोवृद्ध भाविकों को की गई मनाही मंदिर समिति ने पीछे ली है. राज्य सरकार के आदेश के बाद तुरंत अमल में लाकर विठ्ठल व आबाल वृद्धों के लिए शुरु किए जाने की जानकारी मंदिर समिति के कार्यकारी अधिकारी गजानन गुरव ने दी.

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