विदर्भ

राहत पैकेज के नाम पर सरकार ने आंखों में धुल झोंकी

नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने लगाया आरोप

नागपुर/प्रतिनिधि दि.१४ – राज्य में लॉकडाउन लागू करते समय राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से चलायी जा रही योजनाओं के आधार पर राज्य की जनता के लिए राहत पैकेज घोषित किया है. यह सीधे-सीधे जनता की आंखों में धुल झोंकने का प्रयास है और इस राहत पैकेज में कई छोटे घटकों को सहायता से वंचित रखा गया है. इस आशय का आरोप राज्य के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने लगाया है. साथ ही कहा है कि, आदिवासियों को दो हजार रूपये का खावटी अनुदान देना किसी मजाक से कम नहीं है.
फडणवीस के मुताबिक लॉकडाउन या कडे प्रतिबंध लागू करते समय सरकार ने विभिन्न घटकों की सहायता करनी ही चाहीए. किंतु सरकार द्वारा की गई 5 हजार 300 करोड रूपये के राहत पैकेज की घोषणा किसी छलावे से कम नहीं, क्योेंकि इसमें से 3 हजार 300 करोड रूपयों के खर्च का प्रावधान नियमित बजट में किया गया है. जिसे आगामी एक साल के दौरान खर्च करना है. अत: इस रकम को फिलहाल बढ रहे कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने हेतु किये जा रहे उपायों के लिए ग्राह्य नहीं माना जा सकता. इसी तरह सरकार ने किसान, मजदूर, बारा बलुतेदार, सलून व्यवसायी व छोटे व्यवसायियों सहित कई घटकों के लिए कोई राहत व सहायता देने की घोषणा नहीं की है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार केवल मुंबई व पुणे इन दो महानगरों की स्वास्थ्य व्यवस्था पर ही ध्यान दे रही है तथा राज्य के अन्य जिलों की अनदेखी की जा रही है.

  • अगर दम है तो राज्य को उसका हिस्सा दिलाओ

– कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने किया फडणवीस पर पलटवार
वहीं नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि, देवेंद्र फडणवीस का दिल्ली में कोई वजन नहीं है, यह बात उन्हें पता है. फिर भी यदि उनमें दम है, तो वे केंद्र सरकार से महाराष्ट्र को जीएसटी सहित अन्य बकाये के 90 हजार करोड रूपये दिलवाये, ताकि राज्य सरकार हर किसी को सहायता कर सके और राज्य सरकार से ऐसा करवाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की रहेगी. साथ ही पटोले ने यह भी कहा कि, राहत पैकेज से जो लोग छूट गये है, उन्हें भी राहत पैकेज में शामिल करने हेतु कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जायेगा.

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