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कदम अस्पताल में बाहरी जिलों से आती थी सरकारी दवाईयां

जांच के दौरान सामने आयी नई जानकारी

* कल कदम दम्पत्ति की जमानत पर होगी सुनवाई
वर्धा/दि.4– समूचे राज्य में हलचल और हडकंप मचा देनेवाले अल्पवयीन युवती के अवैध गर्भपात मामले में अब एक नई जानकारी सामने आयी है. जिसके मुताबिक इस पूरे मामले के केंद्र में रहनेवाले कदम अस्पताल में वर्धा जिले से बाहर अन्य जिलों में स्थित सरकारी दवाखानों से सरकारी कोटे की दवाईयां मुहैय्या कराये जाने की बात पता चली है. ऐसे में अब स्वास्थ्य संचालक की सूची को खंगालते हुए यह पता लगाया जायेगा कि, आखिर कदम अस्पताल में सरकारी दवाईयों की यह खेप कहां से भेजी जाती थी. वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर गिरफ्तार किये गये डॉ. कदम दम्पत्ति की जमानत पर कल 5 फरवरी को सुनवाई होनेवाली है. जिसकी ओर सभी की निगाहें लगी हुई है.
बता दें कि, एक नाबालिग युवक द्वारा किये गये शारीरिक दुराचार की शिकार 13 वर्षीय अल्पवयीन लडकी गर्भवती हो गई. पश्चात नाबालिग लडके के परिजनों ने मामले को रफा-दफा करने हेतु इस अल्पवयीन लडकी का आर्वी स्थित कदम अस्पताल में गर्भपात करवा दिया था. जिसके खिलाफ पीडिता के माता-पिता द्वारा आर्वी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी गई थी और समूचे राज्य में सनसनी मचा देनेवाला यह मामला उजागर हुआ था. मामले की जांच के दौरान और भी अधिक सनसनी मच गई, जब कदम अस्पताल के पीछे स्थित गोबर गैस प्लांट के गढ्ढे से इंसानी हड्डियों व खोपडियों की शक्ल में मानवी अवशेष मिले. साथ ही जांच के दौरान कदम अस्पताल में सरकारी दवाईयों का बडे पैमाने पर स्टॉक भी बरामद हुआ. जिसमें से अधिकांश दवाईयों की एक्सपायरी डेट खत्म हो चुकी थी. साथ ही सोनोग्राफी व गर्भपात केंद्र संबंधी दस्तावेजोें में भी बडे पैमाने पर अनियमितता व गडबडियां पायी गई. जिससे खुद स्वास्थ्य महकमा सवालों के घेरे में घिरता नजर आया. ऐसे में पुलिस महकमे के साथ-साथ स्वास्थ्य महकमे द्वारा भी मामले की जांच शुरू की गई. जिसके तहत सबसे पहले यहा पता लगाये जाने का प्रयास किया गया कि, आखिर एक निजी अस्पताल में सरकारी दवाईयोें का स्टॉक कहां से व कैसे आया, चूंकि डॉ. रेखा कदम के पति भी डॉक्टर रहते हुए सरकारी स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत है. अत: पहली संभावना यहीं बन रही थी कि, शायद आर्वी तहसील अथवा वर्धा जिले के ही किसी सरकारी अस्पताल से सरकारी दवाईयां कदम अस्पताल में लायी गई होगी. किंतु आर्वी के उपजिला अस्पताल सहित वर्धा के जिला सामान्य अस्पताल में अपने दस्तावेजों की जांच-पडताल करने के बाद दावा किया है कि, उनके स्टॉक में से कदम अस्पताल को कोई दवाईयां नहीं दी गई थी. ऐसे में अब संभावना यह जताई जा रही है कि, शायद वर्धा जिले से सटे अन्य जिलों के सरकारी अस्पतालों से सरकारी दवाईयों की खेप कदम अस्पताल को उपलब्ध करायी गई हो. ऐसे में अब पुलिस द्वारा स्वास्थ्य संचालक कार्यालय से पत्रव्यवहार करते हुए दवाईयों के वितरण को लेकर आवश्यक जानकारी मांगी है.

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