विदर्भ

कॉलेजों में स्कॉलरशिप घोटाले पर सरकार हुई सख्त

नागपुर प्रतिनिधि/दि.६ – शैक्षणिक संस्था व कॉलेजों में स्कॉलरशिप घोटाले का खुलासा हुआ है. सभी कॉलेजों को स्पष्ट निर्देश है कि, ओबीसी, एसबीसी, वीजेएनटी प्रवर्ग के विद्यार्थियों से शुल्क वसूली न करें. इसके बावजूद कॉलेजों ने विद्यार्थियों से विविध शुल्क वसूल किया है. इसे लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए इसे भष्ट्राचार की श्रेणी में रखा है. समाज कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त ने इस संबंध में पत्र निकालकर कॉलेजों को हडकाया है. पत्र में कहा है कि, इसका मतलब है कि शैक्षणिक संस्थाएं विद्यार्थियों से और सरकार से अलग-अलग शुल्क वसूल कर रही है. संस्था द्बारा विद्यार्थी और सरकार से एक तरह का शुल्क दो बार वसूलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. यह सरकारी निधि का दुरुपयोग है अर्थात भ्रष्टाचार है. सरकार को गुमराह करने जैसा है. इसे देखते हुए समाज कल्याण विभाग ने सभी शैक्षणिक संस्था और कॉलेज को ओबीसी, एसबीसी, वीजेएनटी प्रवर्ग के बिलों का निपटारा करने के लिए 500 रुपए के स्टैंप पेपर पर समाज कल्याण विभाग कार्यालय में शपथ-पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं.
गौरतलब है कि, पिछले काफी समय से यह मामला चर्चा में है कि कॉलेज विद्यार्थियों से जबरन शुल्क वसूली कर रहे हैं. सरकार से भी पैसा लिया जा रहा है.
फिलहाल सरकार इसे लेकर सख्त हो गई है. समाज कल्याण विभाग ने कहा है कि वर्ष 2017 से वर्ष 2017-18 तक ओबीसी, एसबीसी, वीजेएनटी प्रवर्ग के लंबित स्कॉलरशिप भुगतान करने के लिए केवल महाइस्कॉल प्रणाली पर पंजीकृत हुए पात्र विद्यार्थियों के ही ऑनलाइन बिल पेश करें. हालांकि विद्यार्थियों के कुछ आवेदन महाइस्कॉल प्रणाली पर लंबित हैं, लेकिन ऐसे विद्यार्थी शैक्षणिक संस्था में पढ रहे या शिक्षा पूरी कर अन्यत्र चले गए है. ऐसे विद्यार्थियों के लिए सरकार द्बारा जो शुल्क स्कॉलरशिप अथवा फ्री शिप योजना अंतर्गत अदा किया जाता है, वह सभी शुल्क विद्यार्थियों से शैक्षणिक संस्था से पहले ही वसूल किए हैं. विद्यार्थियों से शुल्क वसूली के बावजूद शैक्षणिक संस्थाओं ने सरकार से स्कॉलरशिप की रकम ली है.

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