विदर्भ

आरक्षण के लिए सबसे पहले गोवारी समाज ने दी शहादत

गोवारी शहीद दिवस पर प्रकाश मारोडकर का कथन

नांदगांव खंडेश्वर/दि.24 – आरक्षण मिलने की मांग के लिए संघर्ष करते हुए शहादत देनेवाला गोवारी समाज देश का सबसे पहला समाज है और गोवारी समाज ने ही देश में सबसे पहले आरक्षण की मांग उठाई थी. इस आशय का प्रतिपादन युवा सेना के पूर्व जिला प्रमुख प्रकाश मारोडकर द्वारा किया गया.
गत रोज आदिवासी गोवारी जमात संगठन द्वारा वर्ष 1994 में नागपुर शीतसत्र के दौरान शहीद हुए 114 गोवारी समाज बंधुओं को श्रध्दांजलि देने हेतु कार्यक्रम आयोजीत किया गया था. इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के तौर पर प्रकाश मारोडकर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. इस समय उन्होंने कहा कि, 25 वर्ष पूर्व शांतिपूर्ण ढंग से आरक्षण की मांग कर रहे गोवारी समाज बंधुओं पर पुलिस द्वारा अमानवीय लाठीचार्ज किया गया था. जिससे मची भगदड के चलते इस मोर्चे में शामिल महिलाओें व बच्चों सहित 114 आदिवासी गोवारी समाज बंधुओं की मौत हुई थी. किंतु इतने बडे पैमाने पर शहादत देने के बावजूद आदिवासी गोवारी समाज को आज तक आरक्षण का लाभ नहीं मिला. यह सबसे बडी शोकांतिका है.
संगठन के अध्यक्ष पुंडलीक चामलोट की अध्यक्षता में आयोजीत इस श्रध्दांजलि सभा में महादेवराव सोनोने, मंगेश चौधरी, विनोद परसमोडे, प्रवीण नेवारे, दिलीप चौधरी, अरुण नेवारे, गणेश आमडारे, श्याम चौधरी, पवन मोकलेकर, बबलू सोनोने, सविन नेवारे, पिंटू परसमोडे, कार्तिक सोनोने, विलास परसमोडे, राम चौधरी, ज्ञानेश्वर आमडारे, दिपक राऊत, आशुतोष सोनोने, किशोर भंडारे, लिलाधर चौधरी, उमेश ठाकरे, शुभम चौधरी, पंकज चचाने, राहुल नेवारे, ओम राऊत, किशोर चौधरी, चित्रा सूर्यवंशी, शारदा सोनोने, वर्षा चौधरी, शशिकला आमडारे, अनिता भंडारे आदि सहित अनेकों गोवारी समाज बंधू उपस्थित थे.

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