विदर्भ

दापोरी में जि.प. शाला का आदर्श अनोखा उपक्रम

सभी सुविधायुक्त जिले की एकमात्र आदर्श शाला

* गांववासी व शिक्षकों के प्रयासों से शाला का कायापलट
मोर्शी/दि.29 विद्यार्थियों को शिक्षा देने वाली आदर्श शाला के रुप में मोर्शी तहसील के दापोरी की जिला परिषद शाला का नाम है. अल्पावधि में ही शिक्षक व गांववासियों के सामूहिक प्रयासों से इस शाला का कायापलट हुआ. इस पर अंग्रेजी माध्यम में दापोरी की जिला परिषद शाला शुरु की गई है.
तीन हजार लोकसंख्या वाले दापोरी गांव में गत अनेक वर्षों से जिला परिषद की शाला है. कुछ वर्ष पूर्व इस जिला परिषद स्कूल की भी अन्य शासकीय शालाओं की तरह दयनीय अवस्था थी. जिसके चलते गांव के अधिकांश पालक अपने पाल्य को गांव से दूर शहर की शालाओं में भेजते थे. गांव के व शाला के सुदैव से गांववासी, मुख्याध्यापक शिक्षक इस निमित्त से एक साथ आये. इसके लिए उन्होंने स्वयं अपने पास के पैसे जमा किए. शिक्षकों के इस कार्य को गांववासियों ने भी साथ दिया व इस कार्य में शिक्षक सहभागी हुए. इस माध्यम से शाला का कायापलट किया गया. शाला का रंगरोगन, दीवार पर बोलती चित्र प्रदर्शनी, विद्यार्थियों को ज्ञान का पाठ सिखाते समय दिखाई दिया. शाला में सभी कक्षाओं में सीसीटीवी कैमेरे, डिजिटल क्लास रुम, विद्यार्थी सहकारी बचत बैंक, कम्प्यूटर लैब, डिजिटल प्रयोगशाला, कॉन्वेंट सुविधा, विविध रंगों के फूल झाड़,शाला के विद्यार्थियों के लिए सभी खेल सुविधा, संपूर्ण शाला रेन वॉटन हार्वेस्टिंग, सौर ऊर्जा, मूलभूत सुविधाओं के साथ ही विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए उपयुक्त ऐसे अत्याधुनिक यंत्रणा बनाई गई है.
इस स्कूल में विद्यार्थियों के लिए श्रम संस्कार शिविर, ग्रीष्मकालीन शिविर आदि विविध प्रकार के उपक्रम पढ़ाई के साथ ही चलाये जाते हैं. गांववासियों ने व शिक्षकों ने एक साथ मिलकर शाला में परिवर्तन लाने की शुरुआत की. इसे गांववासियों का काफी साथ मिला. जिसके चलते इस शाला का कायालपट हुआ है.
शाला के मुख्याध्यापक, शिक्षक, सरपंच, उपसरपंच, ग्राम पंचायत सदस्य, शाला व्यवस्थापन समिति व गांवावासियों ने शाला में व्यापक परिवर्तन लाने का निर्धार कर शिक्षकों व गांववासियों ने स्वयं मेहनत कर दापोरी जिला परिषद शाला को एक नया रुप दिया.

 

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