विदर्भ

मध्य प्रदेश के कारण महाराष्ट्र में बढे सारस

प्रदेश के आंकडे की पुष्टि नहीं

नागपुर /दि.20- सारस के संवर्धन हेतु मध्य प्रदेश सरकार ने उपाय योजना करने से उनकी संख्या बढ गई हैं. वहां से यह पक्षी गोंदिया और भंडारा जिले में आते है. महाराष्ट्र में सारस की संख्या को लेकर उहापोह है. यह भी कहा जा रहा कि पडोसी राज्य से आए सारस के कारण ही महाराष्ट्र में भी उनकी संख्या में बढोतरी हुई हैं. उधर गोंदिया स्थित सेवा संस्था के अध्यक्ष और मानद वन्यजीव रक्षक सावन बाहेकर ने अपेक्षा जताई की जंगल महकमे को सारस अधिवास संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए. नदी में अवैध रेत उत्खनन के कारण सारस का अधिवास खतरे में पडा हैं. वेटलैंड इकोलॉजी का महत्व है, इस ओर लापरवाही से काम नहीं चलेगा. गीली जमीन वाले पर्यावरण का जतन करना होगा.
कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में केवल बाघों के संवर्धन पर ध्यान दिया जा रहा हैं. सारस के बारे में सरकार अब तक गंभीर नहीं हैं. सारस की संख्या दिनोंदिन कम हो रही हैं. भंडारा जिले में 34 सारस दर्ज किए गए हैं. इस संख्या पर भी प्रश्न उठाए जा रहे. मध्य प्रदेश के बालाघाट से सारस भंडारा-गोंदिया जिले में आते है, जिससे महाराष्ट्र में उनकी संख्या बढी हुई बताई गई हैं. उसमें भी गत 25 दिनों में चार सारस की मृत्यु हो गई. उनका प्रजनन अधिवास तथा जगह कम हो रही हैं. इस बार उनके केवल 3 घोसले मिले हैं. जिससे कुछ सारस के बिजली आघात से भी मृत्यु के समाचार मिल रहे हैं. उपाय योजना के लिए महावितरण ने 45 करोड का बजट दिया हैं. संवर्धन के लिए न्यायालय के हस्तक्षेप पश्चात गोंदिया जिले ने 61 करोड, भंडारा जिले ने 9 करोड तथा चंद्रपुर जिले ने ढाई करोड का बजट पेश किया. जबकि संख्या को लेकर बडे प्रश्न उपस्थित किए जा रहे.

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