यूपीपीएससी परीक्षा में नागपुर 11 छात्रों की शानदार सफलता
नागपुर और विदर्भ पर लगे असफलता के दाग को मिटाया
* विदर्भ में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों का प्रतिशत बढा
नागपुर/दि.18– इस वर्ष केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में विदर्भ की असफलता के दाग को नागपुर और विदर्भ के छात्रों ने मिटाने का काम किया है. नागपुर के कम से कम 11 छात्रों ने 2023 में आयोग द्वारा आयोजित नागरी सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की है. इसके अलावा, अकोला और वाशिम से भी एक-एक छात्र ने प्रतिष्ठित परीक्षा पास की है. परीक्षा के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए. यह पहली बार है कि विदर्भ से इतने सारे छात्रों ने एक साथ परीक्षा उत्तीर्ण की है. नागपुर से उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों में समीर खोडे (रैंक 42), सुरेश बोरकर (रैंक 658), मयूरी महल्ले (रैंक 794), प्रांजलि खांडेकर (रैंक 761), शुभम डोंगरदिवे (रैंक 963) का समावेश हैं.
पूर्व प्रशिक्षण केंद्र से उत्तीर्ण होने वालों में राजेश्री देशमुख (रैंक 622), शुभम पवार (रैंक 560), चिन्मय बन्सोड (रैंक 893), अपूर्व बालपांडे (रैंक 546) का समावेश है. इसके अलावा, नागपुर के संस्कार गुप्ता (रैंक 629) और ऐश्वर्या उके (रैंक 943) ने भी परीक्षा पास की है. वाशिम से केतन इंगोले और अकोला से आशीष उन्हाले इन छात्रों का भी इसमें समावेश है. आयोग द्वारा ली गई प्रीलिम्स, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के बाद परिणाम घोषित किया गया. इस वर्ष देशभर में 1 हजार 16 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं. इनमें 347 उम्मीदवार ओपन श्रेणी के हैं, 116 उम्मीदवार आर्थिक रूप से पिछडे प्रवर्ग के हैं, 303 उम्मीदवार ओबीसी प्रवर्ग के हैं, 165 उम्मीदवार अनुसूचित जाति प्रवर्ग के हैं और 86 उम्मीदवार अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के हैं. केंद्रीय लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित नतीजों के अनुसार, यह स्पष्ट है कि इस वर्ष विदर्भ में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों का प्रतिशत बढा है. इस वर्ष नागपुर में परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से 92 विद्यार्थियों ने साक्षात्कार की तैयारी की थी. इनमें से 25 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं. केंद्रीय लोक सेवा आयोग इस परीक्षा का परिणाम upsconline.nic और upsc.gov.in वेबसाइट पर घोषित किया है.
नागपुर के सफलता प्राप्त विद्यार्थी
* समीर खोडे (एआईआर 42)
समीर खोडे ने 14वें प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण की है. 2019 में भी उन्होंने 551 वीं रैंक के साथ इस परीक्षा में सफलता हासिल की थी. इस साल उन्होंने अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए देश में 42वां स्थान हासिल किया है. वर्तमान में वह रायपुर में भारतीय रेलवे यातायात सेवा में कार्यरत हैं. समीर ने अपनी स्कूली शिक्षा पंडित बच्छराज व्यास विद्यालय से, 12वीं श्री शिवाजी साइंस कॉलेज से और बी.टेक वीएनआईटी, नागपुर से पूरी की. इसके बाद उन्होंने इंडियन इंस्टिटयूट मैनेजमेंट एमबीए पास किया. समीर के पिता प्रकाश खोडे सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर हैं और मां प्रज्ञा खोडे गृहिणी हैं.
* संस्कार गुप्ता (629)
संस्कार गुप्ता ने 2016 में, रामदेव बाबा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर साइंस में बीई किया है. कुछ दिनों तक बैंगलोर में काम करने के बाद उन्होंने नागरी सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. नागपुर में परीक्षा की तैयारी करने के बाद, वह दिल्ली में विभिन्न मॉक परीक्षाएं भी दी और अपने पांचवें प्रयास में इस परीक्षा को पास किया.
* प्रांजलि खांडेकर (761)
नागपुर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद प्रांजलि ने आईआईटी खडगपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक और एम.टेक किया. इसके बाद उन्हें नौकरी का मौका मिल गया. हालांकि, उन्होंने अपने बचपन के नागरी सेवा के सपने को पूरा करने के लिए नौकरी से इनकार कर दिया. शुरुआत में कोचिंग कक्षाओं में प्रशिक्षण के बाद, वह कोविड अवधि के दौरान नागपुर लौट आईं. इसके बाद इंटरनेट की मदद लेकर खुद से पढाई करते हुए तीसरे प्रयास में परीक्षा पास कर ली. किसी साक्षात्कार का सामना करने का यह उनका पहला अवसर था. प्रांजलि के पिता महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी से उप मुख्य अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुए है. मां गृहिणी हैं, जबकि भाई का अपना व्यवसाय है.
* ऐश्वर्या उके (942)
ऐश्वर्या उके ने यशवंतराव चव्हाण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बीई करने के बाद 3017 में नागरी सेवा परीक्षा की तैयारी शुरु की. इसी बीच, ऐश्वया ने दीक्षाभूमि के डॉ.आंबेडकर कॉलेज से एलएलबी पूर्ण किया. और वर्तमान में वह इसी कॉलेज से एलएलएम की शिक्ष ले रही है. नागरी सेवा परीक्षा की तैयारी शुरु करने के बाद उन्होंने दिल्ली में क्लासेस लगाए थे. लेकिन अन्य बच्चों की गति से अपनी अभ्यास नहीं होने की बात ध्यान में आई. इसके बाद ऐश्वर्या नागपुर लौटी और अपने तरीके से अभ्यास की शुरुआत की. इस बार छटवें प्रयास में ऐश्वर्या ने सफलता पाई है. उनके पिता वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में बैंक से सेवानिवृत्त हुए है. और मां गृहिणी है. तथा भाई की शिक्षा ले रहा है.
* सुरेश बोरकर (658)
सुरेश बोरकर ने इन्स्टिटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मेकॅनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी करने के बाद टाटा इन्स्टिटयूट ऑफ सोशल सायन्स से आपदा प्रबंधन विषय में एमएस्सी की. 2017 से उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरु की. घर पर ही खुद अभ्यास करने पर उन्होंने जोर दिया. दिल्ली के जामिया मिलिया विद्यापीठ के प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षण लिया.
* शुभम डोंगरदिवे (963)
बुटीबोरी के सरस्वति विद्यालय से शुभम डोंगरदिवे ने शालेय शिक्षा तथा नागपुर के संताजी महाविद्यालय से बारहवीं पूर्ण की. सेंट पलोटी कॉलेज से मेकॅनिकल इंजीनियरिंग में बीई करने के बाद उन्होंने नागरी सेवा की परीक्षा की तैयारी शुरु की. संपूर्ण अभ्यास उन्होंने खुद किया. आठवें प्रयास में उन्होंने यह परीक्षा उत्तीर्ण की.