
नागपुर/दि.12– दहेजबली प्रकरण में आरोपी रहे सास-ससुर की तरफ से की गई अपील पर अंतिम सुनवाई के बाद बाईज्जत बरी होने की संभावना दिखाई देने से मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में सजा रद्द कर उन्हें सशर्त जमानत दी. न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी-फलके ने यह फैसला सुनाया.
जमानत पर रिहा किये गये सास-ससुर का नाम पार्वताबाई शिंदे और बबन शिंदे है. वह वाशिम के रहने वाले है. सत्र न्यायालय ने उन्हें दहेजबली के प्रकरण मेें दोषी ठहराते हुए 8 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. इस फैसले के खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील दायर की है. साथ ही उन्होंने इस अपील पर फैसला होने तक जमानत भी मांगी थी. सबूतों की गुणवत्ता प्रथम दर्शनी कम दिखाई देने से आरोपियों की अपील मंजूर होने की संभावना है. इस ओर ध्यान केंद्रीत कर इस परिस्थिति में सजा अमल में लायी गई, तो अपील निरर्थक साबित होगी, ऐसा स्पष्ट किया गया. आरोपी के खिलाफ 11 गवाहों के बयान दर्ज हुए है, लेकिन इसमें से किसी के भी बयान में आरोपी द्वारा किये गये अत्याचार का विशेष प्रसंग बताया नहीं गया है. यह बात भी न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते समय विचार में ली. आरोपी की तरफ से एड. राजेंद्र डागा ने काम संभाला.