विदर्भ

गुरुदेव ऐसी हो दया, जग का अंधेरा दूर हो……

नौनिहाल बन रहे राष्ट्रसंत के कार्यों के वाहक

* भजनों के माध्यम से देशभक्ति व ग्रामभक्ति का दे रहे संदेश
नागपुर/दि.1– विदर्भ में गांव-गांव के नौनिहाल राष्ट्रसंत के कार्यों के वाहक बन रहे है. हाथ में खंजिरी और मुख से भजन के माध्यम से देशभक्ति और ग्रामभक्ति का संदेश बालक दे रहे है. भजनों के माध्यम से नौनिहाल देशभक्ति, गांव का विाकस, अध्यात्म और विज्ञान का प्रचार-प्रसार कर रहे है.

राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज एक विज्ञाननिष्ठ हैं जिन्होंने साहित्य में विकास लाया. ग्राम गीता की ओवियों का अध्ययन करने पर उसमें अध्यात्म, विज्ञान और बुद्धिवाद की झलक मिलती है. तुकडोजी महाराज कहते है कि, गुरुदेव ऐसी हो दया, जग का अंधेरा दूर हो. राष्ट्रसंत के भजनों के माध्यम से बच्चे सभी को संदेश दे रहे है.

तुकडोजी महाराज ने भगवान को किसी मंदिर में नहीं, बल्कि गरीब, अशिक्षित जनता में वास करते देखा. इन सभी तत्वों की सेवा ही ईश्वरीय सेवा मानी जाती है. इस सेवा को करने के लिए महाराज ने खंजिरी और भजन का मार्ग चुना. भजनों के माध्यम से उन्होंने लोगों को सामूहिक भक्ति और देशभक्ति की याद दिलाई, वहीं खंजरी की ऊंची ध्वनि से उन्होंने समाज को संगठित किया. महाराज का समाज शिक्षा का कार्य आज भी जारी है. गांवों में गुरुदेव सेवा मंडल के माध्यम से विभिन्न तत्व सामाजिक जागरूकता का कार्य कर रहे हैं. बुजुर्गों के भजन मंडल तो हैं ही, लेकिन तुकडोजी महाराज की सामाजिक जागरूकता की विरासत को किशोर पीढी आगे बढा रही है.

* सुसंस्कार शिविरों का आयोजन
बच्चे देश का भविष्य हैं. यदि उनपर उत्तम संस्कार हुए तो वह आगे चलकर सुदृढ समाज के निर्माण में अपना योगदान देंगे. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर श्री गुरुदेव सर्वांगीण शिविर का आयेाजन विविध स्थानों पर किया जाता है.

समाज को सही दिशा देने का कार्य
ग्राम गीता ग्रंथ और राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की अन्य साहित्यिक संपत्तियों के माध्यम से बच्चों को जीवन जीने का एक आदर्श दृष्टिकोण रखने के लिए प्रोत्साहित करने का हमारा प्रयास है. यह संस्कारित पीढी आगे समाज का नेतृत्व करेगी और समाज को सही दिशा देने का कार्य करती है.
-रविदादा मानव, संचालक,
श्रीगुरुदेव अध्यात्म गुरुकुल, गुरुकुंज मोझरी

इन स्थानों पर आयोजन
-श्री गुरुदेव अध्यात्म गुरुकुल, गुरुकुंज मोझरी, अमरावती.
-श्री गुरुदेव सेवा मंडल, रुई गोस्ता, वाशिम
-श्री गुरुदेव मानव मंदिर, रक्षक बाग, येरला, नागपुर
– श्री गुरुदेव सेवा मंडल, तलेगांव मो., अमरावती
-श्री गुरुदेव साधनाश्रम, आकोली, वर्धा
-मदर टेरेसा इंग्लिश स्कूल, अंजनसिंगी, वर्धा

* श्री गुरुदेव अध्यात्म गुरुकुल एक विश्वविद्यालय
मोझरी के श्री गुरुदेव अध्यात्म गुरुकुल में सैंकडों छात्र-छात्राएं तुकडोजी महाराज द्वारा दी गई सीख लेकर बाहर निकलते है. कर्मयोगी संत तुकारामदादा गीताचार्य द्वारा निर्मित इस गुरुकुल में कल की पीढी तैयार हो रही है. यह गुरुकुल एक आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं तार्किक अधिष्ठान है. यह गुरुकुल यानी एक विश्वविद्यालय है. यहां कक्षा पांचवी से बारहवीं तक के 100 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है. स्कूली शिक्षा के साथ-साथ संत साहित्य, संविधान, तकनीक, कृषि, विभिन्न खेल, संगीत आदि का ज्ञान दिया जाता है. यहां से निकले संस्कारित छात्र सामाजिक जागरूकता का कार्य कर रहे हैं.

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