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30 बच्चों की स्कूल में उपस्थिति, शिक्षक भी परेशान
धामणगांव रेलवे/दि.13 – गांव में नेटवर्क न होने के कारण मोबाइल किसी काम का नहीं. हमारे यहां के कुछ लोगों को लिखते पढते नहीं आता. फिलहाल गांव में एक भी मरीज नहीं है. हम सोशल डिस्टेन्स का पालन करने के लिए तेैयार है. गुरुजी एक घंटे तो भी हमारी क्लास लो! ऐसी विनंती करते हुए नायगांव के करीब 30 विद्यार्थियों ने बुधवार को स्कूल में हाजिरी लगाई. जिसके कारण शिक्षक भी परेशान हो गए.
कोरोना के बढते संक्रमण से पिछले 17 माह से याने 500 दिन के बाद पिछले सप्ताह में जिला परिषद की स्कूल शुरु हुई. मगर तीसरी लहर में कोरोना संक्रमितों की बढती संख्या देखकर फिर से बच्चों को स्कूल से छुट्टी दी गई. तहसील में 1 हजार जनसंख्या वाले नायगांव में कक्षा पहली से चौथी तक जिला परिषद स्कूल में करीब 40 विद्यार्थी पढते है. हाल ही में शुरु हुई स्कूल फिर से बंद हो जाने के कारण विद्यार्थियों को निराशा हाथ लगी. गांव में एक भी मरीज नहीं होने के कारण स्कूल जाने की जिद्द विद्यार्थियों ने पालकों से की. पालकों ने शाला व्यवस्थापन समिति से मंगलवार के दिन ज्ञापन सौंपा. साथ ही ठराव पारित करवा लिया.
पीठ पर बस्ता और हाथ में सैनेटायजर की बोतल
बुधवार सुबह 10.30 बजे शिक्षकों ने स्कूल खोली और एक ही वक्त पर 30 विद्यार्थी पहुंचे. हम नियम का पालन करेंगे, हमें एक घंटा तो भी क्लास पढाए, ऐसी विनंती इन विद्यार्थियों ने की. मुंह पर मास्क, पीठ पर बस्ता और हाथ में सैनेटाइजर की बोतल लेकर पहुंंचे विद्यार्थियों को देखकर स्कूल व्यवस्थापन समिति का ठराव से प्रशासन को अवगत कराया गया.
ऑनलाइन पढाई से कई लोगों को परेशानी
गांव में 11 विद्यार्थियों के पास मोबाइल न होने के कारण ऑनलाइन पढाई नहीं कर सकते. इसमें से कुछ विद्यार्थियों के पढने की सिखने की क्षमता काफी कम हो गई है. पढाई में काफी खाली समय बीतने के कारण दो से तीन शब्दों के आगे विद्यार्थी पढ नहीं पा रहे है. 4 से 5 विद्यार्थियों को अपना नाम तक पढते नहीं आता. उनकी क्लास लेना काफी जरुरी है.
प्रशासन आदेश के कारण विद्यार्थियों को नहीं बिठा पाए
कल अचानक 30 विद्यार्थी स्कूल में आये, मगर जिला प्रशासन के आदेश के कारण इन विद्यार्थियों को स्कूल में नहीं बिठा पाये. उपस्थित विद्यार्थियों का कहना सुना गया.
– किरण कुसराम, मुख्याध्यापक
एक भी संक्रमित नहीं है
हमारे गांव में एक व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित नहीं है. लॉकडाउन में बच्चों का भारी नुकसान हो रहा है, अब तो भी विद्यार्थियों को 1 घंटा तो भी क्लास में बैठने दे.
– रामकृष्ण मोकडकार, पालक