विदर्भ

फांसी के कैदी ने दूसरे कैदी पर किया जानलेवा हमला

कैदी घायल, अन्य कैदी के दौडने अनर्थ टला

* नागपुर मध्यवर्ती कारागृह की घटना
नागपुर/ दि.22 – नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में फांसी की सजा पाने वाले एक कैदी ने दूसरे कैदी पर जानलेवा हमला किया. इस हमले में दूसरे कैदी गंभीर रुप से घायल हो गया. ऐन मोैके पर अन्य दूसरे कैदी बीच बचाव करने दौडे जिससे अनर्थ टला. हमलावर कैदी के खिलाफ पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया गया है. हमलावर कैदी को 2006 में मुंबई में हुए बम विस्फोट के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी. इस हमले के कारण जेल में खलबली मच गई.
जावेद हुसैन खान उर्फ रसिद हुसैन खान को हत्या के अपराध में मुंबई सत्र न्यायालय में 30 सितंबर 2015 फांसी की सजा सुनाई थी. 10 अक्तुबर 2015 से आरोपी जावेद हुसैन खान नागपुर के मध्यवर्ती कारागृह में कैद है. फांसी का कैदी होने के कारण उसे सुरक्षा विभाग में कैद किया गया है. बैरेक क्रमांक 4 में मोका के आरोप में कैद रहने वाले जुल्फीकार जब्बार गनी से उसका विवाद हुआ था. इस विवाद का बदला लेने के लिए वह अवसर की तलाश में था. 20 जुलाई को 7 बजे नावेद कैद रहने वाले बैरेक क्रमांक 3 से जुल्फीकार के बैरेक क्रमांक 4 में गया. टॉवेल में बारिक और मोटे पत्थर बांधकर उसने जुल्फीकार के सिर व गर्दन पर प्रहार किया. जिसमें वह गंभीर रुप से घायल हो गया. यह देखकर अन्य कैदी व सुरक्षा रक्षकों ने दौडकर जुल्फीकार को बचाया. पुलिस अधिक्षक अनुपकुमार कुमरे की सूचना के आधार पर धंतोली पुलिस थाने में नावेद के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. इस घटना की वजह से मध्यवर्ती कारागृह के कैदियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर प्रश्नवाचक चिन्ह निर्माण हुआ है.

कारागृह में मारपीट की घटनाएं
दो माह पूर्व अंडा बैरेक में कैद रहने वाले अपराधी सेखू खान के पास मोबाइल मिला था. इससे पहले आरोपी रोशन शेख ने भी फांसी गृह परिसर में फांसी लगाने का प्रयास किया था. इससे पहले एक कैदी की मौत को लेकर रिश्तेदारों ने जेल प्रशासन के खिलाफ अत्याचार का आरोप लगाया था. कारागृह में जिस तरह से लगातार गंभीर घटनाएं हो रही है, जिससे कई प्रश्न निर्माण हो रहे है.

कारागृह की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह
नावेद समेत मुंबई बम विस्फोट में शामिल कई आतंकवादी नागपुर ेके मध्यवर्ती कारागृह में कैद हेै. उन्हें फांसी या उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसी तरह कई नक्सलवादी और उनके नेता भी यहां रखे गए है. ताजी घटना में कारागृह की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह निर्माण किया है. इस घटना के बाद नावेद और जुल्फीकार के बैरेक में बदलाव किया गया है. दोनों पर कडी नजर रखी गई है.

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