विदर्भ

ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में ग्रीष्मकाल में पर्यटको की खुशी

जलकुंभ पर हो रहे है असंख्य प्राणियों के दर्शन

नागपुर/दि.13– बेमौसम बारिश बीच-बीच में जारी रहते उमस कम होने की बजाए बढती जा रही है. ऐसे में चंद्रपुर जिले का तापमान 45 डिग्री तक पहुंचने के बाद बेमौसम बारिश से जमीन में नमी नहीं आई है. मनुष्य को कुलर और एसी का सहारा लेते आ सकता है. लेकिन वन्यजीवों का क्या? उन्हें जलकुंभ का ही सहारा लेना पडता है. ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के केसलाघाट बफर क्षेत्र में मादा बाघ और उसके शावको का वीडियो सामने आया है. वन्यजीव फोटोग्राफर मकरंद परदेशी ने यह वीडियो तैयार किया है.

विश्वविख्यात ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में ग्रीष्मकाल यानी पर्यटको के लिए सुनहरा मौका इस व्याघ्र प्रकल्प के कृत्रिम जलकुंभ पर उन्हें असंख्य प्राणियों के दर्शन होते है. लेकिन इस जलकुंभ पर आनेवाले बाघ को देखना सबसे बडी खुशी रहती है. ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के ‘के-मार्क’ नामक मादा बाघ को सभी पहचानते है. ताडोबा में वह पर्यटको में काफी विख्यात है. वह अपने दो शावको के साथ घुमते हुए हमेशा दिखाई देती है. ताडोबा की मादा बाघ ‘माधुरी’ और ‘खली’ की बेटी यानी ‘के-मार्क.’ अब वह भी दो शावको की मां हो गई है. वह हमेशा इन शावको के साथ घुमते हुए पर्यटको को दिखाई देती है. ताडोबा के केसलाघाट पर्वतो की कतार में उसका अस्तित्व रहता है. इस मादा बाघ ने दक्षिण ताडोबा के केसलाघाट व झारीपेठ जंगल पर अपना साम्राज्य स्थापित किया है. ‘के-मार्क’ मादा बाघ काफी खतरनाक क्षेत्र में रहती है. इस वनक्षेत्र से राष्ट्रीय महामार्ग जाता है. उसे ठंड के मौसम में अनेक बार राष्ट्रीय महामार्ग पार करते हुए और अनेक बार लंबी दूरी तक चलते हुए देखा गया है. हाल ही उसका जलकुंभ का वीडियो अनेको का ध्यान केंद्रित करता है.

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