
नागपुर/दि.9-नागपुर की पहली महिला भारतीय राजस्व सेवा(आईआरएस) अधिकारी डॉ. हर्षवर्धिनी बूटी ने विदर्भ क्षेत्र के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त का पदभार संभाल लिया है. 1989 आईआरएस बैच की सदस्य डॉ. बूटी को अपने क्षेत्र में कार्य का दीर्घ अनुभव है. विभाग में उन्होंने मूल्यांकन, जांच, प्रशिक्षण, प्रशासन सहित आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण में भी कार्य किया है. नागपुर और विदर्भ में सहायक जांच निदेशक के रुप में सेवा करने वाली पहली महिला अधिकारी के रूप में उन्होंने सफल सर्च कार्यवाहियों को अंजाम दिया, जिससे विभाग के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जबलपुर में आयकर आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक उल्लेखनीय वसूली अभियान चलाया, जिसमें एक ही दिन में एक कोयला कंपनी से 872 करोड़ रुपए की वसूली की गई. इस कार्रवाई को बाद में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने ‘कानूनी रूप से वैध’ माना. इसके अतिरिक्त उन्होंने नागपुर में राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी में एक संकाय सदस्य के रूप में कार्य किया. यहां उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 650 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया. लैंगिक मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए डॉ. बूटी आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए ‘जेंडर ईश्यू एट वर्क’ नामक पाठ्यक्रम को डिजाइन करने और समन्वय करने में अग्रणी थीं.
* कई देशों में पाठ्यक्रमों का किया निर्देशन
उन्होंने ओमान, श्रीलंका और भूटान जैसे देशों के राजस्व सेवा अधिकारियों के लिए पाठ्यक्रमों का निर्देशन किया. वह शास्त्रीय संगीत में भी रुचि रखती हैं. पुष्पक और सेसना विमानों का पायलट लाइसेंस भी उनके पास है. अपनी शैक्षणिक और व्यावसायिक उपलब्धियों के अलावा वह एक पूर्व महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं. उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय स्तरों पर विदर्भकी कप्तानी की. साथ ही डायना एडुल्जी और शुभांगी कुलकर्णी जैसी प्रसिद्ध खिलाड़ियों के साथ अनेक टीम में प्रतिनिधित्व किया.