‘वह’ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का अपराध नहीं
नागपुर/ दि.15 – किसी व्यक्ति को केवल अपमानित किया, इस वजह से आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का अपराध लागू नहीं होता, ऐसा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने एक मामले के फैसले में स्पष्ट किया. न्यायमूर्तिव्दय सुनील शुक्रे व गोेविंद सानप की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया.
चंद्रपुर जिले के येवती निवासी विद्यार्थी संकेत धानोरकर व सौरभ उरकांदे के खिलाफ 24 जून 2020 को अपराध दर्ज किया गया था. उच्च न्यायालय ने इस फेैसले से वह अपराध रद्द किया. मृतक का नाम साईनाथ टोंगे था. व तंटामुक्ति समिति के अध्यक्ष थे. गांव में उनका मान सम्मान था, 6 अप्रैल 2020 को आरोपी ने उन्हें रोड पर रोककर उनके हाथ में दारु की कैन दी. इसी तरह वह कैन टोंगे की है, यह गांववासियों के सामने कहने लगाया. यह अपमान टोंगे से बर्दास्त नहीं हुआ. इस वजह से टोंगे ने आत्महत्या की, ऐसी शिकायत टोंगे की पत्नी ने की थी. अदालत ने शिकायत का आरोप सामान्य स्वरुप का है, उस वजह से आरोपी ने टोंगे को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया या आत्महत्या के लिए सहायता की ऐसा दिखाई नहीं देता, ऐसा फैसला सुनाया.