विदर्भ

मासिक धर्म में कमरे में कैद कर वह सोने की चेन के लिए करता था मारपीट

सास, पति के अत्याचार से त्रस्त विवाहिता की आत्महत्या

नागपुर /दि.7– मायके वालों ने शादी में दहेज नहीं दिया, इस कारण पर से संतप्त हुए मां-बेटे ने विवाहिता पर काफी अत्याचार किया. इन अत्याचारों से त्रस्त होकर उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. ससुराल के सदस्यों द्वारा विवाहिता पर काफी बर्बरता की गई. मासिक धर्म के दिनों में उसे कमरे में कैद पर बाहर जाने से रोका जाता था. अत्याचार असहनीय होने से शादी के 14 माह बाद ही विवाहिता ने आत्महत्या कर ली. महिला दिन के सप्ताह में ही गणेश पेठ थाना क्षेत्र में यह घटना घटित हुई.
मृतक महिला का नाम गणेश पेठ निवासी प्रियंका लांजेवार-ढोबले 28 है. जबकि आरोपियों के नाम शैलेश गुलाबराव ढोबले (38) और रेवती गुलाबराव ढोबले (70) है. दहेज के कारण पर से शैलेश ने उसका गला दबाकर जान से मारने का प्रयास किया था. इसकी सास और शैलेश हमेशा उस पर छिंटाकशी कर मानसिक अत्याचार करते थे. इस कारण ढाई माह प्रियंका मायके की दिसंबर माह में शैलेश उसे लेने पहुंचा और अच्छी तरह से रहने का वचन दिया. उसके रिश्तेदारों ने कपडों के लिए दिये पैसे भी शराब में उडा दिये. दिनोंदिन अत्याचार बढते ही जा रहे थे. आखिरकार 3 मार्च को प्रियंका ने रात को 9.30 बजे के दौरान कमरे का दरवाजा बंद कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. शैलेश ने उसकी लखनउ में रहने वाली बहन को फोन कर इस घटना की जानकारी दी. संध्या लांजेवार ने गणेशपेठ थाने में शिकायत दर्ज की. शैलेश और सास रेवती के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने का मामला दर्ज किया गया है.

* जनवरी 2024 में विवाह
मृतक प्रियंका की मां संध्या लांजेवार की शिकायत के मुताबिक प्रियंका और शैलेश का जनवरी 2024 में विवाह हुआ था. शादी के कुछ दिनों बाद ही शैलेश ने प्रियंका की प्रताडना करना शुरु किया. शादी में ज्यादा खर्च नहीं किया गया. मुझे केवल साढे आठ ग्राम की अंगूठी दी गई. सोने की चैन क्यों नहीं दी, ऐसी छिंटाकशी करते हुए प्रियंका पर अत्याचार किये जाते थे. मासिक धर्म के समय आरोपी उसे कमरे में कैद रखता था. वह घर के बाहर उसे जाने नहीं देता था और बस्ती में भी किसी से बातचीत करने नहीं देता था.

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