विदर्भ

‘वह’ रातभर मर्डर ही करते चला गया

अत्याचार कर हत्या की, सास दहलीज पर आते ही गला काटा

  • पत्नी को जान से मारा, बच्चे निंद से उठे तो बत्ते से सर कुचल दिया

नागपुर/दि.22 – गुस्सा कितना भी भारी हो वह घंटे-दो घंटे के बाद शांत होता है. परिजनों का खून देखकर व्यक्ति पश्चाताप की आग में जल जाता है. किंतु क्रुरकर्म आलोक माथुरकर के मन में क्रोध की आग ऐसी कुछ भडकी थी कि वह रातभर इधर से उधर मर्डर ही करते निकला. यह भयंकर और दिल दहलाने वाली घटना कल सोमवार को सुबह 11 बजे के दौरान प्रकाश में आयी और पाचपावली के चिमाबाई पेठ में रहने वाले लोगों के शरीर के रोैंगटे खडे हो गए. शायद इस काले रात की किसी ने इस तरह कल्पना भी नहीं की होगी. कल सुबह परिवार के पांच लोगों की हत्या कर आलोक माथुरकर व्दारा आत्महत्या करने की घटना का पता चलते ही हर किसी के सामने यह प्रश्न था कि यह कैसे हुआ और एक के बाद एक पांच हत्याएं होने पर भी इसकी किसी को खबर कैसे नहीं लगी तब मीडिया ने परिसर के निवासी और आलोक के रिश्तेदारों से कुछ जानकारी हासिल करने का प्रयास किया और पुलिस से प्राथमिक जांच के बाद के जो निष्कर्ष निकाले गए, उससे दिल चिरने वाली पृष्ठभूमि इस घटना के पीछे की सामने आयी.
15 वर्ष पहले घर से भागकर प्रेम विवाह करने से परिजनों ने आलोक को बहिष्कृत किये समान रखा था. इसकी परवाह न करते हुए उसने परिश्रम से अपने संसार को सवारा. उसके पत्नी विजया पर काफी प्रेम था. बेटा और बेटी तो उसे जान से भी प्यारे लगते थे. साली पर भी उसका उतना ही प्रेम था. रिश्तेदारों के साथ वह साधे और सरल रुप से रहता था.काफी वर्ष तक उसके साथ करीबी रिश्तेदारों में से अनेकों बात तक नहीं करते थे. उसकी परवाह न करते हुए उसने अपना व्यवसाय बढाया और संसार भी बढाया. बेटी परी और बेटा साहिल को वह फूलों समान रखता था. उसका बर्ताव सरल सीधा रहते हुए इस तरह का भीषण आक्रोश कैसे हुआ. उसने इन सभी को इतनी निर्ममता से मारा ही कैसे, इस तरह के अनेकों प्रश्न रिश्तेदारों के सामने उपस्थित होने लगे.

उसका हस्तक्षेप और उसका रोष

आलोक के विवाह के समय उसकी साली अमिषा केवल 5 से 7 वर्ष की थी. वह उम्र में आने से पहले से आलोक के यहां रहती थी. इन दोनों ने अनेैतिक संबंधों में सभी मर्यादाएं तोडी थी. किंतु अपने से डब्बल उम्र के दामाद के साथ जिंदगी बीताना संभव नहीं था. इस कारण अमिषा ने अनेकों मित्र बनाएं. जिससे आलोक का क्रोध और हस्तक्षेप बढते गया. मारपीट तक मामला गया. वह हक्क जताने लगा. जिससे अमिषा का रोष भी बढते गया.

और उस रात उठा भडका

रविवार की रात 11.15 के दौरान उसने अपने मित्र को फोन किया, उसे समझाओ अन्यथा परिणाम गंभीर होंगे, ऐसा कह डाला. उसके बाद सास आलोक के घर पहुंची. वहां उनके बीच कडाके का झगडा हुआ और उसके रोष का भडका उड गया. पत्नी ने उसे अमिषा के जीवन में हस्तक्षेप क्यों कर रहा है, इस बारे में पूछा और आलोक का गुस्सा अनावर हो गया. पति पत्नी के बीच जबर्दस्त झगडा हुआ. इस झगडे के लिए अमिषा ही जिम्मेदार रहने की बात उसके दिमाग में ठन गई और एक भिषण घटनाक्रम की शुरुआत हुई.

बलात्कार कर हत्या की

आरोपी आलोक ने अमिषा पर बलात्कार किया बाद में उसका गला काटा. अर्धनग्न स्थिति में अमिषा की लाश छोडकर वह निकलने की तैयारी में था. उसी समय बाहर से सास दरवाजे पर पहुंची. जिससे उसने सास की भी गला चिरकर हत्या की.

क्रुरकर्मा घर लौटा

मध्यरात्रि के बाद उसने पत्नी के साथ जबर्दस्ती से संबंध रखने का प्रयास किया. खून से सने कपडे देख उसने इंकार करने से आलोक ने पत्नी विजया का तीक्ष्ण हथियार से गला चिर दिया. उसकी चिखपुकार से बच्चे निंद से जागे. शायद बेटी परी ने विरोध किया होगा, इस कारण उसने उसके हाथपैर बांध दिये. बावजूद इसके उसका विरोध शुरु रहने से सिर पर हथोैडा मारकर उसे मौत की निंद सुला दिया. अब बेटे को ही क्यों रखना इस कारण उसने बेटे के मुंह पर तकिया दबाकर उसे भी खत्म किया. पुलिस को घटनास्थल पर यह सभी सबूत मिले है.

Related Articles

Back to top button