नागपुर /दि.21– सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पश्चात विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष विधायक अपात्रता की सुनवाई 3 माह बाद कल बुधवार को पूरी हो गई. 7 गवाहों से की गई पूछताछ, युक्तिवाद व दस्तावेजों के आधार पर नार्वेकर को अपना निर्णय देना है. जिसके लिए उनके पास 20 दिनों की कालावधि है और नार्वेकर द्वारा इस मामले में क्या फैसला सुनाया जाता है. इसकी ओर पूरे राज्य का ध्यान लगा हुआ है.
बता दें कि, विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर के समक्ष 14 दिसंबर से सुनवाई शुरु हुई. ठाकरे गुट की ओर से सुनवाई में बेवजह विलंब किए जाने को लेकर दायर की गई याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में विधानसभा अध्यक्ष को 31 दिसंबर को सुनवाई पूरी करने का अल्टीमेटम दिया था. पश्चात अधिवेशन काल मेें ही की जाने वाली सुनवाई व अन्य बातों के मद्देनजर सुनवाई पूर्ण करने हेतु समय बढाकर देने की मांग नार्वेकर ने महाधिवक्ता तुषार मेहता के माध्यम से की थी. जिसके चलते उन्हें 10 जनवरी तक समय बढाकर दिया गया था और 10 जनवरी से पहले विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को विधायकों की अपात्रता के मामले में अपना फैसला सुनाना होगा. जिसकी ओर पूरे राज्य की निगाहे लगी हुई है.
* इन लोगों से किये गये प्रतिप्रश्न
ठाकरे गुट के प्रतोद सुनिल प्रभु व कार्यालयीन सचिव विजय जोशी तथा शिंदे गुट के विधायक दिलीप लांडे, योगेश कदम, भरत गोगावले, मंत्री उदय सामंत व दीपक केसरकर से विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दोबारा बयान दर्ज करते हुए उलट जांच यानि प्रतिप्रश्न किये गए.