नुकसान भरपाई की मांग
पथ्रोट/दि.2- कभी बेमौसम बारिश तो कभी बदरीले मौसम के कारण किसानों को लगातार मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. अब बेमौसम बारिश ने किसानों को फिर एक बार रुलाया है. गत दो दिनों से बेमौसम बारिश शुरु है. लेकिन किसानों के बांधा पर अब तक कर्मचारी नहीं पहुंचने से किसान हवालदिल हो गया है.
मौसम बदलने का फटका इस बार सभी मौसम के फसलों को बैठा है. खरीफ मौसम में जुलाई, अगस्त में हुई सतत की बारिश के कारण अति नुकसान हुआ था. फलबागों का भी बड़े पैमाने पर नुकसान, इस पर अब फिर से बेमौसम बारिश से गेहूं व प्याज का बड़ा नुकसान हुआ है. रब्बी फसल अंतिम चरण में रहते बेमौसम बारिश का व बदलते वातावरण का परिणाम हुआ है. खरीफ में भी सोयाबीन, तुअर, कपास इन फसलों का नुकसान सतत की बारिश के कारण हुआ था. वहीं अब रब्बी मौसम पर भी बारिश व बदरीले मौसम का असर हो रहा है. शुक्रवार की रात हुई बेमौसम बारिश से व बदरीले मौसम के कारण किसानों के खेतों की खड़ी फसलें आड़ी हो गई. गेहूं सो गया व संतरा पेड़ों पर की आंबिया बहार, मृग बहार व संतरा गलने लगे है. ऐसे में यहां के प्रशांत पाटील के दो एकड़ खेत के गेहूं की फसल का नुकसान हुआ है. गेहूं को 2500 से 3 हजार रुपए भाव फिलहाल होने से किसानों को अच्छी कीमत मिलने की अपेक्षा रहते मात्र बेमौसम बारिश के कारण निकालने के लिए आया गेहूं खराब हो रहा है. वहीं बदरीले वातावरण के कारण प्याज को भी फटका बैठा है. पथ्रोट परिसर के प्याज उत्पादकों को नुकसान टालने के लिए महंगी दवाईयों की फवारनी करनी पड़ रही है.