विदर्भ

अमरावती विभागीय आयुक्त की कार्यशैली से हाईकोर्ट नाराज

लोणार विकास कार्य पर रिपोर्ट सीधे सरकार को भेजी, हाईकोर्ट को सूचना नहीं दी

नागपुर/दि.17 – बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मंगलवार को बुलढाणा की लोणार सरोवर पर केंद्रित याचिका पर सुनवाई के दौरान अमरावती विभागीय आयुक्त की कार्यप्रणाली पर सख्त नाराजगी जताई. दरअसल, मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभागीय आयुक्त ने लोणार सरोवर के विकास कार्य पर एक रिपोर्ट तैयार करके सीधे राज्य सरकार को भेज दी. हाईकोर्ट को अधिकृत रुप से इसकी कोई सूचना या रिपोर्ट नहीं दी. एड. रवि सान्याल द्बारा कोर्ट में यह रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. न्या. सुनील शुक्रे व न्या. अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने टिप्पणी की, विभागीय आयुक्त की रिपोर्ट सरकार को सौंपते वक्त कोर्ट को विश्वास में लेना चाहिए था. क्योंकि कोर्ट यह सुनिश्चित करना चाहता है कि लोणार सरोवर का सर्वांगीण विकास हो. इसी कारण बीते कुछ समय से कोर्ट इस मामले में लगातार सुनवाई कर रहा है. इस पर सरकारी वकील केतकी जोशी व दीपक ठाकरे ने सफाई दी कि विभागीय आयुक्त की यह प्राथमिक रिपोर्ट है या अंतिम, यह सुनिश्चित करके वे कोर्ट की शंकाओं का समाधान करेंगे. इस पर हाईकोर्ट ने सरकारी पक्ष को 25 फरवरी तक मामले में विस्तृत उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश दिए है.

राज्य सरकार विकास कर रही है : सरकारी पक्ष

दरअसल हजारों वर्ष पूर्व अंतरिक्ष में मैटरॉयड गिरने के कारण लोणार सरोवर रखरखाव के अभाव में बदहाल स्थिती में था. इसका संज्ञान लेकर हाईकोर्ट ने इस मामले में समय-समय पर अनेक आदेश जारी किए. मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष ने हाईकोर्ट को बताया कि 5 फरवरी को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्वयं सरोवर का दौरा किया था. जिसके बाद उन्होंने विभागीय आयुक्त से लोणार में प्रस्तावित विकास कार्यो पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था. राज्य सरकार ने लोणार के विकास के लिए एक राज्यस्तर पर और एक विभागीय स्तर पर समितियां गठित की है.

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