विदर्भ

पौधारोपण की टेंडर प्रक्रिया को दी हाईकोर्ट में चुनौती

खडतकर कन्स्ट्रक्शन ने दायर की याचिका

  • मामला एक्सप्रेस-वे महामार्ग का

नागपुर/दि.20 – प्रदेश के बहुप्रतिक्षित समृध्दी एक्सप्रेस-वे महामार्ग पर 750 करोड रूपए के पौधारोपण की टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिए जाने पर मेसर्स खडतकर कन्स्ट्रक्शन इंफ्रा प्रा. लि. ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की शरण ली है. याचिकाकर्ता ने महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमएसआरडीसी) के उस फैसले को चुनौती दी है. जिसके तहत एमएसआरडीसी ने उसका प्रस्ताव पहले ही चरण में खारिज कर दिया.
मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने एमएसआरडीसी को नोटीस जारी कर 31 मार्च तक जवाब मांगा है. एमएसआरडीसी द्वारा नागपुर-मुंबई के बीच 701 किमी लंबा समृध्दी एक्सप्रेस-वे महामार्ग बनाया जा रहा है. महामार्ग पर पौधारोपण के लिए 4 दिसंबर 2020 को नोटीस जारी करके प्रस्ताव मंगाए गए. इस पूरे प्रस्ताव की कुल लागत 750 करोड रूपए थी. एमएसआरडीसी ने इस ई-टेंडर प्रक्रिया को दो चरणों में बांटा. पहले पूर्व पात्रता चरण रखा गया. इसमें पात्र ठेकेदारों को ही प्रपोजल स्टेज के लिए पात्र होने की शर्त रखी गई. याचिकाकर्ता ने भी इस टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया, लेकिन उनका प्रस्ताव पहले ही चरण में खारिज कर दिया गया.
इसके लिए एमएसआरडीसी ने कोई कारण भी नहीं दिया. याचिकाकर्ता का दावा है कि टेंडर प्रक्रिया में कुल 36 कंपनियों ने हिस्सा लिया, लेकिन एमएसआरडीसी ने इसमें से 21 कंपनियोें का प्रस्ताव खारिज कर दिया. इसके लिए भी कोई कारण नहीं दिए गए. याचिकाकर्ता ने स्वयं को पात्र घोषित करके टेंडर प्रक्रिया में दोबारा शामिल करने के आदेश जारी करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की है.

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