विदर्भ

जाति प्रमाणपत्र कानून की व्यवस्था को हाईकोर्ट में चुनौती

महाधिवक्ताओं को नोटीस

  • याचिका अंतिम सुनवाई के लिए दाखिल

नागपुर प्रतिनिधि/दि.4 – जाति प्रमाणपत्र कानून की कलम 6 की व्यवस्था और जाति प्रमाणपत्र नियम के 9वें नियम की वैधता को मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई है. इस मामले में मुख्य न्यायमूर्ति दिपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति पुष्पा गनेडीवाला ने बुधवार को महाधिवक्ताओं को नोटीस दिया है और यह याचिका अंतिम सुनवाई के लिए दाखिल कर ली है.
विजय धकाते यह याचिकाकर्ता का नाम है. वह आरमोरी, जिला गडचिरोली का निवासी है. सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में माधुरी पाटिल मामले में दिये निर्णय में जाति प्रमाणपत्र वैधता जांच पडताल समिति के अध्यक्ष अतिरिक्त सचिव व सहसचिव श्रेणी के तथा संशोधन अधिकारी समाजशास्त्र अथवा मानव वंशशास्त्र विषय में एमए पदवीधारक रहने चाहिए, ऐसा कहा था. किंतु राज्य में जाति प्रमाणपत्र कानून व नियम लागू करते हुए यह बंधनकारक निर्देशों का पालन नहीं किया गया. परिणाम स्वरुप विवादास्पद कलम 6 की व्यवस्था व नियम 9 अवैध ठहराकर रद्द करना आवश्यक है, ऐसा याचिकाकर्ताओं का कहना है. याचिकाकर्ताओं की ओ रे एड. शैलेश नारनवरे ने कामकाज संभाला.

  • समान याचिका होंगी एक

इस कानून की अन्य विविध व्यवस्थाओं को चुनौती देने वाली कुछ याचिका हाईकोर्ट में प्रलंबित है, ऐसी सभी समान याचिका एक करने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिये है.

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