विदर्भ

अमरावती की जाति वैधता समिती को हाईकोर्ट की अवमानना नोटीस

जाती का दावा प्रलंबित, यवतमाल डाक विभाग ने परीक्षा का परिणाम रोका

नागपुर/दि.13 – डाक विभाग में कार्यरत रहनेवाली याचिकाकर्ता ब्रांच पोस्ट मास्टर के प्रलंबित दावे पर निर्णय न लेने तथा हाईकोर्ट के आदेश का पालन न किये जाने के चलते मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अमरावती की जाति वैधता जांच समिती को अवमानना नोटीस जारी की है. न्या. अतुल चांदूरकर व न्या. अनुजा प्रभू देसाई की अदालत ने समिती को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है. समिती के पास दावा प्रलंबित रहने के चलते याचिकाकर्ता द्वारा पदोन्नति हेतु दी गई विभागीय परीक्षा का परिणाम यवतमाल डाक विभाग द्वारा रोककर रखा गया था. जिसके खिलाफ याचिकाकर्ता वर्धेश प्रतापराव बागडे (पिंपलगांव, यवतमाल) ने नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसे लेकर अमरावती जाती वैधता जांच समिती की सहआयुक्त व उपाध्यक्ष प्रीती बोंद्रे, सदस्य सचिव अमिता किल्लेवार तथा सदस्य व वरिष्ठ संशोधन अधिकारी संगीता हुलवाले के नाम हाईकोर्ट द्वारा अवमानना नोटीस जारी की गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता वर्धेश बागडे घाटंजी तहसील अंतर्गत साहयातखर्डा स्थित डाक कार्यालय में ब्रांच पोस्ट मास्टर पद पर कार्यरत हैं और उन्होंने पदोन्नति के लिए डाक विभाग की विभागीय परीक्षा दी थी. जिसका परिणाम भी घोषित हुआ. किंतु बागडे के पास जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं रहने के चलते उनके परीक्षा परिणाम को डाक विभाग द्वारा रोककर रखा गया. जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. पश्चात हाईकोर्ट ने 10 अगस्त 2021 को अमरावती जाति वैधता जांच समिती को 2013 से प्रलंबित दावे पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया. किंतु हाईकोर्ट द्वारा आदेशित किये जाने के बाद भी समिती ने इस संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया. जिसके चलते बागडे ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की. जिसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने अमरावती की विभागीय जाति वैधता जांच समिती को अवमानना नोटीस जारी की है.

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