विदर्भ

सरपंच की बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट का फैसला

रिश्तेदारों के अतिक्रमण पर अपात्र घोषित नहीं कर सकते

नागपुर / दि.२५-महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा १६ के तहत अगर कोई ग्राम सेवक, नगर सेवक या पद से बर्खास्त किया जा सकता है, लेकिन इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अहम फैसला दिया है. हाईकोर्ट के माना है कि, अगर जनप्रतिनिधि का कोई करीबी रिश्तेदार जो उनके परिवार के साथ नहीं रहता, अतिक्रमण करता है तो उसे जनप्रतिनिधि द्वारा किया गया अतिक्रमण नहीं माना जा सकता. ऐसे कथित अतिक्रमण के लिए जनप्रतिनिधि को पद से बर्खास्त करना सही नहीं है. इस निरीक्षण के साथ हाइकोर्ट ने अमरावती विभागीय आयुक्त और वाशिम जिलाधिकारी के उस आदेश को खारिज किया है. जिसमें अधिकारियों ने वारडरी ग्राम पंचायत की सरपंच सविता जाधव को अपात्र घोषित कर दिया था.
यह है मामला
याचिकाकर्ता जाधव के अनुसार वर्ष २०२० में वे वारडरी ग्राम पंचायत की सरपंच चुनी गई थीं. क्षेत्र के ही गंगाधर राठोड़ नाम समकक्ष जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में अतिक्रमण करता है, तो उसे व्यक्ति ने उनके खिलाफ जिलाधिकारी को शिकायत कर दी. आरोप लगाया कि, याचिकाकर्ता ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया है, ऐसे में महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम के प्रावधानों के तहत उन्हें अपात्र घोषित किया जाए. जिलाधिकारी ने इस शिकायत के आधार पर याचिकाकर्ता को २० सितंबर २०२१ को अपात्र घोषित कर दिया. विभागीय आयुक्त के पास अपील करने पर उन्होंने भी अपात्रता का आदेश कायम रखा. ऐसे में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली. मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है.

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