विदर्भ

हाईकोर्ट ने नसीहत के साथ किया खारिज

दिवंगत के नाम भेज दिया आयकर नोटिस

नागपुर/प्रतिनिधि दि.११ – बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया में स्पष्ट कर दिया है कि आयकर विभाग दिवंगत व्यक्तियों के नाम नोटिस जारी करके आयकर कार्रवाई शुरू नहीं कर सकता. यदि विभाग को लगता है कि किसी वित्तीय वर्ष के लेन-देन के मूल्यांकन में कोई कमी है तो कानून में प्रक्रिया का पालन करके आयकर विभाग दिवंगत व्यक्ति के वारिसदारों को पूर्व सूचना दे और कानून के अधीन रद्द कर ही पुनर्मूल्यांकन करें.

  • यह है पूरा मामला

याचिकाकर्ता बंडू शंभरकर के पिता महादेव शंभरकर का २७ जनवरी २०१९ को निधन हो गया. इसके ढाई वर्ष २८ अक्तूबर २०२० को आयकर विभाग ने याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर वित्तीय वर्ष २०१५-१६ में उनके पिता द्वारा किए गये लेन-देन की जानकारी मांगी. दरअसल, आयकर विभाग को शक था कि उक्त वर्ष में याचिकाकर्ता के पिता का सही आयकर मूल्यांकन नहीं हुआ था. याचिकाकर्ता का दावा है कि उन्होंने आयकर विभाग को उनके पिता के निधन की सूचना दी. इसके बाद ३ मई २०२१ को आयकर विभाग ने याचिकाकर्ता को ही सीधे नोटिस जारी कर दिया. ऐसे में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली थी. हाईकोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस रद्द करते हुए उन्हें प्रक्रिया का पालन करके दोबारा कार्रवाई शुरू करने की अनुमति दी. याचिकाकर्ता की ओर से एड. राम हेडा ने पैरवी की.

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