यात्री सहूलियत का जवाब हेतु रेल्वे को हाईकोर्ट ने दी 1 मार्च तक मुदत
नागपुर/दि.16– मरीज, दिव्यांग व विद्यार्थी के साथ ही अन्य श्रेणी के यात्रियों के लिए भी सहूलियत की दर पर आरक्षित व अनारक्षित टिकट जारी करने के मसले को लेकर हाईकोर्ट में समाधानकारक जवाब पेश करने हेतु रेल्वे मंडल को अंतिम अवसर के तौर पर 1 मार्च तक मुदत दी गई है. इस विषय को लेकर एड. संदीप बदाना ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दाखिल की है. जिस पर न्या. नितिन सांभरे व न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई.
विगत बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मुद्दे को लेकर रेल्वे मंडल को कडे शब्दों में फटकार लगाते हुए अपनी ठोस भूमिका रखने का आदेश दिया था. पश्चात गुरुवार को रेल्वे मंडल ने इस पर अपना जवाब देने हेतु कुछ समय दिये जाने का निवेदन किया था. जिसे अदालत ने अंतिम अवसर के तौर पर मंजूर किया है.
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान कोई भी अनावश्यक यात्रा न करे. इस बात के मद्देनजर मरीज, दिव्यांग व विद्यार्थी इन तीन श्रेणी के यात्रियों को छोडकर अन्य सभी श्रेणियों के यात्रियों को 19 मार्च 2020 से रेल्वे द्वारा सहूलियत की दरों पर आरक्षित व अनारक्षित टिकट देना बंद कर दिया गया था. जिसके चलते बुजुर्ग नागरिक, शहीद सैनिकों की वीर पत्नी, बेरोजगार युवक, किसान, पुरस्कार प्राप्त नागरिक, कलाकार, खिलाडी, डॉक्टर व अधिस्वीकृति धारक पत्रकार आदि श्रेणी के यात्री यात्रा शुल्क में मिलने वाली सहूलियत से वंचित हो गये थे. कोविड संक्रमण के नियंत्रण में आ जाने और स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाने के बावजूद भी रेल्वे ने कोविड काल के दौरान बंद की गई सहूलियत को दुबारा शुरु नहीं किया है. ऐसे मेें सहूलियत बंद रखने के निर्णय को वापिस लिया जाये. इस आशय की मांग को लेकर याचिकाकर्ता एड. संदीप बदाना ने जनहित याचिका दायर की है.