प्रदीपकुमार वखारिया को हाईकोर्ट का नोटीस
अकोला ऑइल इंडस्ट्रीज के 232 कामगारों के प्रतिनिधित्व का किया था दावा
* गलत जानकारी देने के चलते अवमानना की कार्रवाई को लेकर मिला ‘शो कॉज’
नागपुर/दि.12– अकोला ऑइल इंडस्ट्रीज नामक दिवालिया कंपनी के 232 कामगारों का प्रतिनिधित्व करने से संबंधित दावा करने वाले प्रदीपकुमार वखारिया को मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने ‘कंटेन ऑफ कोर्ट एक्ट’ के तहत नोटीस जारी की और हाईकोर्ट ने वखारिया को 22 मार्च तक अपना जवाब पेश करने हेतु कहा है. साथ ही हाईकोर्ट ने अकोला के जिला पुलिस अधीक्षक को वखारिया के नाम नोटीस तामिल करने का आदेश भी दिया है. इस मामले में न्या. अनिल पानसरे की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई.
जानकारी के मुताबिक प्रदीपकुमार वखारिया ने अकोला ऑइल कंपनी के 232 कामगारों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने के साथ ही कामगारों का आक्षेप रहने के चलते हाईकोर्ट के वकील नियुक्त करने हेतु कुछ मुदत मांगी थी और हाईकोर्ट को बताया था कि, फिलहाल कामगारों का प्रतिनिधित्व करने से संबंधित दस्तावेज साथ नहीं लाये गये है. ऐसे में 232 कामगारों के दस्तखत वाले दस्तावेज को पेश करने हेतु अदालत द्वारा समय दिया जाये. इस समय यह दावा भी किया गया था कि, संबंधित दस्तावेज अवसायक को दिये गये है. प्रदीपकुमार वखारिया उक्त कंपनी के कामगार नहीं है. लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट में यह दावा भी किया था कि, उन्हें कंपनी के कामगारों ने पावर ऑफ अटर्नी दी है. जिसके चलते वे कंपनी के 232 कामगारों का प्रतिनिधित्व करते है.
लेकिन हाईकोर्ट में ही एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने वखारिया के दावे को गलत पाया था. क्योंकि 232 कामगारों में से कुछ मजदूरों की काफी पहले ही मौत हो चुकी है. साथ ही कई मृत कामगारों के परिजनों ने प्रदीपकुमार वखारिया को कामगारों का प्रतिनिधित्व करने के संदर्भ में पावर ऑफ अटर्नी देने की बात से इंकार किया. ऐसे में हाईकोर्ट ने वखारिया के दावे पर सवाल उठाते हुए उनके द्वारा न्यायिक कामकाज में बाधा पहुंचाने को लेकर नाराजगी जताई. साथ ही शो कॉज नोटीस जारी करते हुए जानना चाहा कि, वखारिया के खिलाफ कोर्ट की अदालत की अवमानना का मामला क्यों ना चलाया जाये.