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२६ अक्तूबर तक देना होगा जवाब
नागपुर प्रतिनिधि/दि.२०– नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा ली गई नीट परीक्षा की मूल्यांकन प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए अमरावती निवासी एक छात्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर हाईकोर्ट की शरण ली है. छात्रा वसुंधरा भोजने का आरोप है कि परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद एनटीए ने उसे ७२० में से शून्य अंक दिए है. छात्रा के अनुसार उत्तरपुस्तिका (ओएमआर शीट) की ऑनलाईन मूल्यांकन प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है. एनटीए को उसकी उत्तरपुस्तिका मैनुअल रूप से जांचने के आदेश दिए जाने चाहिए। प्रकरण में छात्रा का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने प्रतिवादी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय, महाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा व औषधि विभाग और राज्य चिकित्सा शिक्षा व औषधी विभाग और राज्य चिकित्सा शिक्षा व संशोधन संचालनालय को नोटिस जारी कर २६ अक्तूबर तक जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की ओर से एड. अश्विन देशपांडे ने पक्ष रखा.
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यह है मामला
छात्रा के अनुसार वो पढ़ाई में अच्छी है. उसे १०वीं में ९३.४ प्रतिशत और १२वीं कक्षा में ८१.८५ प्रतिशत अंक मिले है. १३ सितंबर को उसने जब नीट परीक्षा दी, तो उसने सभी उत्तर ठीक से लिखे और ओएमआर शीट पर सभी उत्तर मार्क करके इनविजिलेटर के पास उसे जमा किया. नियमानुसार रिजल्ट जारी करने के पूर्व एनटीए सभी परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट अपलोड की जाती है। इस पर विद्यार्थियों से दावे आपत्ति मंगाई जाती है, लेकिन एनटीए ने याचिकाकर्ता छात्रा की ओएमआर शीट अपलोड ही नहीं की। १६ अक्तूबर को जब नीट के नतीजे आए तो उसमें छात्रा को शून्य अंक दिए गये। छात्रा ने एनटीए को लिखित में शिकायत की। यह संभावना जताई की शायद ऑनलाईन प्रणाली में उसकी ओएमआर शीट स्कैन नहीं हुई हो या रिजेक्ट हो गई हो, ऐसे में उसका मूल्यांकन ऑफलाइन पध्दति से किया जाए, लेकिन एनटीए ने इस पर कोई उत्तर नहीं दिया। ऐसे में छात्रा ने हाईकोर्ट की शरण ली है.