विवाहीता के विनयभंग मामले को रद्द करने से हाईकोर्ट का इन्कार
नागपुर/दि.13 – एक विवाहीता की प्रताडना तथा उसके साथ विनयभंग किये जाने को लेकर ससुराल पक्ष के तीन आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने से हाईकोर्ट द्वारा इन्कार कर दिया गया है. यह मामला अमरावती जिले से संबंधित है. जिसमें विवाहीता के ससुर, ननंद व चचेरी सास को प्रताडना व विनयभंग के मामले में नामजद किया गया था. जिनकी याचिका को न्या. विनय देशपांडे व न्या. गोविंद सानप द्वारा खारिज कर दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक एक विवाहीता द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गई थी कि, उसका ससुर उसके साथ अश्लील गाली-गलौज करने के साथ ही मारपीट भी करता है तथा जब उसका पति घर पर नहीं होता, तो वह उसका हाथ पकडने का प्रयास करने के साथ ही उसे गंदी नजरों से देखता है. साथ ही कपडे बदलते समय अचानक ही कमरे में आकर शरीर को स्पर्श करता है. इसके साथ ही उसकी ननंद व चचेरी सास भी उसे आये दिन प्रताडित करते है और उसके ससुर को प्रोत्साहित भी करते है. इसके लेकर शिकायत करने अथवा इसका विरोध करने पर उसका पति भी उसके साथ मारपीट करता है. वहीं दूसरी ओर तीनों आरोपियों ने विवाहीता द्वारा लगाये गये आरोपों को पूरी तरह से झूठे व निराधार बताते हुए अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की गुहार लगायी. पश्चात न्यायालय ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया और अपराध को रद्द करने से इन्कार किया. न्यायालय ने कहा कि, इस मामले में अब भी जांच जारी है और अदालत में अब तक आरोपपत्र भी पेश नहीं हुआ है. ऐसे में पुलिस को कानूनी कार्रवाई करने का मौका दिया जाना चाहिए.