भ्रष्ट कर्मी की पत्नी व बेटे को आरोपमुक्त करने से हाईकोर्ट का इंकार
नागपुर/दि.10- मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने एक सरकारी कर्मचारी के भ्रष्टाचार मामले में सहआरोपी रहनेवाले उसकी पत्नी व बेटे को आरोपमुक्त करने से इंकार कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक युवराज दहीवल नामक सरकारी कर्मचारी की भ्रष्टाचार संबंधित मामले की जांच जारी रहने के दौरान 11 अक्तूबर 2010 को मौत हो गई थी. इस मामले में युवराज दहीवल की पत्नी छाया दहीवल (56) व बेटा सौरभ दहीवल (34) सहआरोपी बनाए गए थे. जो परभणी के निवासी है. उनके खिलाफ विशेष सत्र न्यायालय में मुकदमा दायर किया गया था. शुरुआत में 27 नवंबर 2013 को विशेष सत्र न्यायालय ने मां-बेटे व्दारा आरोप मुक्ति के लिए दायर अपील को खारीज कर दिया था. जिसके चलते मां-बेटे ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई. पश्चात हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति गोेविंद सानप ने रिकॉर्ड पर रहने वाले सबूतों व तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मां-बेटे को राहत देने से इंकार कर दिया था. तब से यानी वर्ष 2011 से यह मामला प्रलंबित पडा था. इस बात को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय को आगामी छह माह के भीतर इस मुकदमे का निपटारा करने हेतु कहा.
बता दें कि युवराज दहीवल नामक सरकारी कर्मचारी के पास 49 लाख 8 हजार 291 रुपए की बेनाम संपत्ति पाई गई जिसके संदर्भ में कोई समाधानकारक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था. ऐसे मे तीनो आरोपियों के खिलाफ सक्करदरा थाने में यह मामला दर्ज किया गया था. लेकिन मामले की जांच व सुनवाई जारी रहने के दौरान ही 11 अक्तूबर 2010 को युवराज दहीवले के मौत हो गई थी.