विदर्भ

पूर्व सरपंच की तडीपारी का आदेश हाईकोर्ट किया खारीज

घाटंजी तहसील के कुर्ली की घटना

नागपुर/दि.२२ – घाटंजी तहसील अंतर्गत कुर्ली स्थित पूर्व सरपंच अयनुद्दीन शमसुद्दीन सोलंकी के खिलाफ सहायक जिलाधिकारी ने जारी किये तडीपारी के आदेश को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने खारीज किया है. न्यायमूर्तिव्दय सुनील शुक्रे व अविनाश घारोटे की खंडपीठ ने यह फैसला दिया है. इस निर्णय के कारण सोलंकी को राहत मिली है.
इस मामले में पुलिस अधीक्षक, पांढरकवडा स्थित सहायक जिलाधिकारी व उपविभागीय अधिकारी, उपविभागीय पुलिस अधिकारी तथा पारवा पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक को प्रतिवादी किया गया था. गांव की एक महिला ने सोलंकी के खिलाफ अपराध दर्ज किया था. यह मामला बहुत ही चर्चा में रहा. अपने खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया था, ऐसा सोलंकी का कहना था. प्रश्चात उसके खिलाफ तडीपारी का आदेश जारी किया गया था. इस मामले में सहायक जिलाधिकारी तथा उपविभागीय अधिकारी भाग्यश्री विसपुते ने २३ जुलाई २०२० को मामले की सुनवाई रखी थी. उसमें दस्तावेज देने संदर्भ में एड. निलेश चवरडोल ने दाखल किया संबंधित अर्ज कार्यालय ने नामंजूर किया. इसलिए अयनुद्दीन सोलंकी ने २४ जुलाई को जिलाधिकारी के पास शिकायत दर्ज की. जिलाधिकारी के आदेश की ओर अनदेखा कर उपविभागीय अधिकारी ने तडीपारी का आदेश पारित किया. उसके खिलाफ सोलंकी ने नागपुर खंडपीठ में दौड लगाई. दोनों पक्षकारों की बाते सुनने के बाद इस मामले की सच्चाई तलाश कर खंडपीठ ने सोलंकी के खिलाफ निकाला गया तडीपारी का आदेश खारीज किया.

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