विदर्भ

हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

पति-पत्नी साथ न रहते हुए दायर किया था घरेलू हिंसा का मामला

  • न्यायदंडाधिकारी की कार्यशैली पर भी कोर्ट की नाराजगी

नागपुर/दि.23 – घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत दिए गए अधिकारों का दुुरुपयोग करने वाली चंद्रपुर निवासी एक महिला और उसके पति को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जमकर फटकार लगाई है. इतना ही नहीं तो महिला की मनगढंत शिकायत के आधार पर प्रतिवादी ननदों और उनके पतियों के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा चलाने वाले न्यायदंडाधिकारी की कार्यशैली पर भी कोर्ट ने नाराजगी जाहीर की है.
इस मामले में हाईकोर्ट ने यह भी माना कि जब पीडिता और आरोपी एक साथ रहते ही नहीं थे, तो महिला पर घरेलू हिंसा होना ही संभव नहीं है. हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनकर चंद्रपुर व नांदेड निवासी दंपत्ति के खिलाफ निचली अदालत में जारी मुकदमा खारिज कर दिया है.

संपत्ति को देकर विवाद

हाईकोर्ट में यह भी सामने आया कि दोनों पक्षों में संपत्ति को लेकर विवाद था. फैजल व उसके जीजा की पार्टनरशिप फर्म थी. इससे फैजल अलग होने का प्रयास कर रहा था. अपनी याचिका में शबनम ने निचली अदालत से प्रार्थना की थी कि प्रतिवादियों के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए जाएं और उन्हें संपत्ति अपने नाम करने से भी प्रतिबंधित किया जाए. फरियादी महिला की संदिग्ध शिकायत को देखते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.

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