नागपुर/ दि. 20– बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने सूरजागढ लौह खान से विदर्भ के बाहर के उद्योगों को अवैध रूप से लौह खनिज बेचे जाने के प्रकृति फाउंडेशन के आरोप पर निर्णय नहीं करने के लिए सरकार को फटकार लगाई है. न्या. नितिन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी की खंडपीठ ने सरकार की उदासीनता पर नाराजगी व्यक्त की. कल शुक्रवार 20 दिसंबर को ही सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया हैं.
प्रकृति फाउंडेशन संस्था ने 3 फरवरी 2023 को राज्य शासन को निवेदन दिया था. उस पर अब तक निर्णय नही किए जाने की ओर फाउंडेशन के वकील एड.महेश धात्रक ने कोर्ट का ध्यान खींचा. न्यायालय ने 18 जनवरी 2023 को फाउंडेशन के निवेदन पर निर्णय लेने का आदेश दिया था. उपरांत 3 मई, 7 जून 2023 और 7 फरवरी 2024 को भी आवश्यक निर्देश दिए गये थे. एड. धात्रक ने कहा कि सरकार ने इन आदेशों का पालन नही किया र्हैं.