विदर्भ

हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को लगाई फटकार

कहा- मताधिकार से वंचित लोगों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता

नागपुर/दि.13– भंडारा जिले के 58 ग्राम पंचायत चुनाव प्रक्रिया पूरी किए बिना तुमसर बाजार समिति का चुनाव कराने पर मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग को फटकार लगाई. बाजार समिति चुनाव में ग्राम पंचायत सदस्यों को कृत्रिम रूप से मताधिकार से वंचित करने को न्यायपालिका नजरअंदाज नहीं कर सकती, इन शब्दों में कोर्ट ने नाराजगी जताई.

तुमसर में बाजार समिति के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में 172 ग्राम पंचायतें हैं. इनमें से 97 ग्राम पंचायतें तुमसर में हैं, जबकि 75 मोहाडी तहसील में हैं. इन ग्राम पंचायतों के सरपंच और सदस्यों को बाजार समिति चुनाव में मतदान का अधिकार है, तुमसर बाजार समिति का कार्यकाल सितंबर 2021 में समाप्त हो गया है. हालांकि फरवरी 2023 से विभिन्न कारणों से चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने का काम पूरा हो सका. इस बीच, नवंबर 2022 में तुमसर बाजार समिति के तहत मोहाडी में 58 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया, इसलिए इन ग्राम पंचायतों के सदस्य 2023 में बाजार समिति चुनाव में मतदान करने के लिए अयोग्य हो गए. राज्य सहकारी चुनाव आयोग ने मार्च 2023 में बाजार समिति चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की. संबंधित ग्राम पंचायतों का आरोप है कि 58 ग्राम पंचायतों की चुनाव प्रक्रिया पूरी किए बिना ही बाजार समिति के चुनाव की घोषणा कर उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है. इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

राज्य निर्वाचन आयोग को इस बात की जानकारी थी कि समय पर बाजार समिति चुनाव नहीं होने के कारण ग्राम पंचायत सदस्य मतदान के अधिकार से वंचित हो सकते हैं, फिर भी बिना कोई कारण बताए ग्राम पंचायत चुनाव में देरी की गई. न्यायालय ने निरीक्षण दर्ज किया कि, इसलिए, ग्राम पंचायत सदस्यों को कृत्रिम रूप से मतदान के अधिकार से वंचित करने का प्रयास किया गया. वहीं कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने दिसंबर 2023 में 58 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराए. इसलिए कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि नवनिर्वाचित सदस्यों का नाम अगले छह सप्ताह में बाजार समिति की मतदाता सूची में शामिल किया जाए और अगले तीन महीने में बाजार समिति का चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जाए. न्यायमूर्ति नितिन सांबरे और न्यायमूर्ति अभय मंत्री के खंडपीठ ने ये फैसला सुनाया.

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