विदर्भ

हाईकोर्ट की फटकार… चुनाव आयोग ने आदेश वापस लिया

मेडिकल में वैद्यकीय उपकरण खरीदी करने का रास्ता साफ

नागपुर/दि.10– केंद्रीय चुनाव आयोग ने वैद्यकीय उपकरण खरीदी को लेकर सूचना पत्र जारी करते हुए आचार संहिता समाप्त होने तक राज्य सरकार को रुकने का आदेश दिया था. चुनाव आयोग के इस बयान पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने कडी नाराजगी जताई थी. आखिरकार कोर्ट की फटकार लगते ही चुनाव आयोग ने गुरुवार को अपना आदेश वापस ले लिया. इसके चलते अब मेडिकल में निधी मिलने का और वैद्यकीय उपकरण खरीदी करने का रास्ता साफ हो गया.

इस कारण अदालत नाराज शहर के मेयो और मेडिकल अस्पतालों की खराब हालत और वहां की असुविधाओं को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका प्रलंबित है. कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि आचार संहिता के कारण मेडिकल में लगने वाले आवश्यक वैद्यकीय उपकरणों की निविदा न रोकें, साथ ही उपकरण खरीदी की प्रक्रिया पूरी करने को भी कहा था. लेकिन फिर भी राज्य सरकार बार-बार बहाना दिया है कि देश में आचार संहिता लागू है और इस दौरान नई निविदा प्रक्रिया शुरू करना और उसके जरिए खरीदारी पूरी करना संभव नहीं है. इसके बाद 7 मई को केंद्रीय चुनाव सचिव ने भी राज्य सरकार को आचार संहिता समाप्त होने तक रुकने के आदेश दिए थे. यह जानकारी बुधवार को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई. इसलिए कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए यह सवाल उठाया था कि तक्या आयोग को देश के नागरिकों के स्वास्थ की चिंता नहीं है? साथ ही कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को प्रतिवादी करते हुए गुरुवार 9 मई दोपहर 2.30 बजे तक जवाब दायर करने के आदेश दिए थे.

इन्होनें की पैरवी
मामले में गुरुवार को न्या.अविनाश घरोटे और न्या. एम.एस. जवलकर के समक्ष हुई सुनवाई में केंद्रीय चुनाव सचिव एस.के. दास ने अपना आदेश वापस लेने की केंद्रीय चुनाव आयोग व्दारा कोर्ट में जानकारी दी गई. इस मामले मे न्यायालय मित्र के तौर पर एड. अनूप गिल्डा, राज्य सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील फिरदौस मिर्जा, एड. दीपक ठाकरे और एनएमआरडीए की ओर से एड. सुधीर पुराणिक और चुनाव आयोग की ओर से एड. निरजा चौधरी ने पैरवी की.

एमआरआई मशीन के लिए 26 करोड
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि, मेडिकल में एमआरआई मशीन के लिए 26 करोड की निधी उपलब्ध करा दी गई है. साथ ही मेडिकल में आने वाले मरीजों के परिजनों को बैठने के लिे मेडिकल परिसर में आठ जगह की तलाश की गई है. जहां शेड लगाने के लिए 14 करोड की निधी दी गई है.

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