विदर्भ

बुधवार भूमिपूजन के अवसर पर घर-घर पूजा-अर्चना

विश्व हिंदु परिषद के केंद्रिय महामंत्री मिलींद परांडे ने ली पत्रकार वार्ता

प्रतिनिधि/ दि.३१

नागपुर – अयोध्या में ५ अगस्त बुधवार के दिन होने वाला श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन राष्ट्रीय एकात्मता का प्रतिक है. उस दिन नागरिक अपने घर और मंदिर में कोरोना प्रतिबंधक नियमों का पालन कर पूजा-अर्चना करते हुए यह त्यौहार मनाए, ऐसा आह्वान विश्व हिंदु परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलींद परांडे ने नागपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में किया. उन्होंने कहा कि अयोध्या में ५ अगस्त को श्रीराम मंदिर का भूमिपूजन होेने जा रहा है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने खूद के जीवन से सामाजिक समरसता और सशक्तिकरण का संदेश दिया. भगवान श्रीराम का अहिल्या उद्धार, सबरी से रहने वाला स्नेह और निशाद राज से मित्रता यह सामाजिक समरसता का बहोत ही उमदा उदाहरण है. प्रभु राम के मंदिर के पूजन में उपयोग की जाने वाली पवित्र नदियों का जल, पावन तिर्थस्थल की मिट्टी से संपूर्ण भारत एकरुप होगा व सभी को राष्ट्रीय एकात्मीता का दर्शन होगा. डॉ.केशव बलिरामपंत हेडगेवार के माध्यम से संघगंगा प्रारंभ हुई. डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के माध्यम से दीक्षा भूमि से समरसता गंगा का जहां उद्गम हुआ, ऐसे पवित्र स्थल की पवित्र मिट्टी इसी तरह पवित्र नदियों का पानी श्रीराम जन्मभूमि की पूजा के लिए भेजा जा रहा है. देशभर में आनंद व हर्षोल्लास का वातावरण है. संत रविदास की काशी स्थित जन्मस्थल, सितामढी स्थित वाल्मीक आश्रम, विदर्भ के जिले के कचारगढ, झारखंड स्थित रामरेखा धाम, मध्यप्रदेश के तंट्या भिल की पूण्य भूमि, श्री हर मंदिर साहिब अमृतसर, डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मस्थल महु, दिल्ली स्थित जैन लाल मंदिर, इसी तरह महात्मा गांधी ने जहां ७२ दिन निवास किया वह वाल्मीक मंदिर यह इसमें शामिल पवित्र स्थलों का उदाहरण है. पूज्य संतो की उपस्थिति में १९८९ में अनुसूचित जाति के कामेश्वर चौपाल के हस्ते अयोध्या के इस राममंदिर का शिल्यान्यास किया गया था. चौपाल श्रीराम जन्मभूमि तिर्थक्षेत्रन्यास के विश्वस्त भी है.

सुबह १०.३० बजे आराध्य देव की पूजा करे सभी राम भक्त ५ अगस्त को अपने घर, मठ, मंदिर, आश्रम में सुबह १०.३० बजे सामुहिक रुप से अपने आराध्य देव की पूजा करे, फूल अर्पित करे, प्रसाद बांटे और अयोध्या के कार्यक्रम का जगह-जगह प्रसारण करे. घर, बस्ती, गांव, बाजार, मठ, मंदिर, गुरुव्दारा, आश्रम में सजावट कर शाम के समय दीप जलाये. मंदिर निर्माण के लिए यथाशक्ति दान करने का संकल्प ले. प्रचार के सभी साधनों का उपयोग कर यह कार्यक्रम समाज के अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाये, यह कार्यक्रम मनाते समय कोरोना प्रतिबंधक नियमों का कडाई से पालन करे, ऐसा आह्वान भी उन्होंने किया. इस समय विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष डॉ.हेमंत जांभेकर, विभागीय प्रांत मंत्री गोqवद शेंडे, महानगर अध्यक्ष सुदर्शन शेंडे, महानगर कार्याध्यक्ष डॉ.राजेश मुरकुटे, मंत्री प्रशांत तितरे, प्रांत प्रचार प्रसार निरंजन निशालदार व अन्य पत्रकार इस समय उपस्थित थे.

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