विदर्भ

पाक के लिए जासूसी, ब्रह्मोस के अभियंता का मुकदमा कहां तक पहुंचा?

हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय से मांगा जवाब

नागपुर/दि.20– हनी ट्रैप में फंसकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप रहे ब्रह्मोस एरोस्पेस के अभियंता निशांत प्रदीपकुमार अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा फिलहाल किस चरण में हैं, अब तक कितने गवाहों को परखा गया और कितने गवाह बाकी हैं आदि जानकारी का विवरण मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने सत्र न्यायालय से आगामी 22 फरवरी तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
उच्च न्यायालय में पहली बार 17 जून 2022 को यह मुकदमा 6 माह में निपटाने के आदेश दिए थे. लेकिन विविध कारणो से इस अवधि में इसका निपटारा नहीं हो पाया. उच्च न्यायालय ने फिर दो दफा 6-6 माह की अवधि बढाकर दी. बढाई समयावधि में भी मुकदमे की कार्रवाई पूर्ण नहीं हो पाई. इस कारण सत्र न्यायालय ने फिर उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर समय बढाकर देने का अनुरोध किया हैं. इस पर न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी-फलके से समक्ष सुनवाई हुई. पश्चात न्यायालय ने यह जानकारी मांगी. निशांत ब्रह्मोस एरोस्पेस की नागपुर शाखा में अभियंता था. वहां की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को देने का उस पर आरोप हैं. उसे उत्तर प्रदेश एटीएस ने 8 अक्तूबर 2018 को नागपुर से गिरफ्तार किया था. पश्चात निशांत के कंप्यूटर में गोपनीय जानकारी बरामद हुई थी.

* निशांत अग्रवाल ने क्या किया?
– वह एक पाकिस्तानी महिला के हनी ट्रैप में फंसा था. इस कारण वह संबंधित महिला को गोपनीय जानकारी देता था. यह जानकारी देश के दुश्मनो तक पहुंचती थी.
– नागपुर के पास के मोहगांव में डीआरडीओ का ब्रह्मोस मिसाईल प्रकल्प हैं. यह प्रकल्प भारत और रशिया के संयुक्त तकनीकी ज्ञान पर आधारित हैं.
– निशांत गिरफ्तार होने के पूर्व 4 साल से इस प्रकल्प में कार्यरत था. उसकी गतिविधियां देखकर संदेह बढने के बाद एटीएस ने यह कार्रवाई की.

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