विदर्भ

महाराष्ट्र की सहकारी बैंकों में इतने बडे घोटाले हुए कैसे?

केंद्रीय गृह व सहकार मंत्री अमित शाह का नगर में हल्लाबोल

अहमदनगर/दि.18- जिले के प्रवरानगर में आयोजीत राज्यस्तरीय सहकार परिषद में हिस्सा लेते हुए देश के प्रथम केंद्रीय सहकार मंत्री व गृहमंत्री अमीत शाह ने सहकार क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के मसले पर जबर्दस्त हल्लाबोल करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र की सहकारी बैंकों में आज तक इतने बडे-बडे घोटाले कैसे हुए और किसने किये. इस बात पर विचार अवश्य किया जाना चाहिए. अपने इस वक्तव्य के जरिये केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पहली सहकार परिषद में ही राज्य के सहकार क्षेत्र के दिग्गज नेताओं का नाम लिये बिना उन्हें आडे हाथ लेने का प्रयास किया.
केंद्रीय गृह व सहकार मंत्री अमित शाह ने कहा कि, देश के विकास में सहकार क्षेत्र का काफी बडा योगदान रहने के बावजूद आजादी के बाद अगले 75 वर्षों तक इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कभी विचार नहीं किया गया. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जरूरत को समझते हुए केंद्रीय सहकार मंत्रालय की स्थापना की. जिसके सूत्र उन्हें सौंपे गये. किंतु उस समय महाराष्ट्र के सहकार क्षेत्र से जुडे कई नेताओं ने इसे लेकर विविध शंकाये उपस्थित की थी. ऐसे में उन पर टीका करनेवाले महाराष्ट्र के सहकार नेताओं को चाहिए कि, वे खुद अपना आत्मपरिक्षण करे कि, उन्होंने सहकार के लिए क्या किया है. इस समय देश के पहले सहकार मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि, वे सहकार क्षेत्र को तोडने नहीं बल्कि जोडने के लिए आये है. उन्होंने प्रवरा नगर को सहकार क्षेत्र हेतु काशी जैसा पवित्र स्थान बताते हुए कहा कि, देश में सहकार क्षेत्र में काम करनेवाले हर एक व्यक्ति ने कम से कम एक बार ्रप्रवरा नगर में जरूर आना चाहिए.
राज्य के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटील की अगुआई में आयोजीत राज्यस्तरीय सहकार परिषद व किसान सम्मेलन में राज्य के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस व प्रवीण दरेकर, केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे व डॉ. भागवत कराड, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष विद्याधर अनास्कर, शक्कर कारखाना संघ के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगांवकर तथा सांसद डॉ. सुजय विखे पाटील उपस्थित थे. इस समय केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि, सहकार क्षेत्र में जो भी दोष व त्रृटिया है, उन्हें दूर करने की जिम्मेदारी भी हमारी अपनी है और अब सहकार क्षेत्र के लिए किसी समिती का गठन करते हुए उसके जरिये सिफारिश मंगाकर काम करने की स्थिति नहीं है. इससे पहले ही अनेकों रिपोर्ट व सिफारिशों सहित नियम व कायदेकानून है. जिनका अब तक व्यवस्थित ढंग से क्रियान्वयन नहीं हुआ है. ऐसे में अब आयोग या समिती का गठन करने की बजाय विशेषज्ञों से चर्चा करते हुए नीतियां तय की जायेगी. जिसके तहत अगले 25 वर्ष का नियोजन कर नीतियां बनायी जायेगी. उन्होंने यह भी कहा कि, महाराष्ट्र में राजनीतिक आधार पर सहकारी संस्थाओं को मदद देने में पक्षपात करने की एक गलत परंपरा है. जिसे तुरंत बदलना बेहद जरूरी है. सहकारी संस्था की राजनीतिक दल की है, यह देखने की बजाय वह किस तरह काम करती है, यह देखते हुए राज्य सरकार द्वारा उसे मदद की जानी चाहिए. राज्य में सहकार विद्यापीठ स्थापित किये जाने की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकार आंदोलन को मजबुत करने हेतु तमाम आवश्यक निर्णय लिये जायेंगे. साथ ही मल्टीस्टेट संबंधी कानूनों में सुधार किया जायेगा.

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