विदर्भ

श्वान के काटने से हर वर्ष कितने लोगों की मृत्यु होती है?

हाईकोर्ट के याचिकाकर्ता को निर्देश

नागपुर/दि.01– श्वान के काटने से हर वर्ष कितने लोगों की मृत्यु होती है. इसकी जानकारी 4 सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने के मौखिक निर्देश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने गुरुवार 29 फरवरी को जनहित याचिकाकर्ता को दी है.

शहर के आवारा श्वानों का आतंक रोकने के लिए प्रभावी रुप से उपाययोजना की जाए, आवारा श्वानों से जख्मी हुए नागरिकों को भरपाई देने की मांग व्यवसायी विजय तालेवार व मनोज शाक्य ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका में की है. इस पर न्यायामूर्ति अविनाश घरोटे और मुकुलिका जवलकर के समक्ष सुनवाई हुई. न्यायालय ने श्वान के कांटने से हर वर्ष अनेक व्यक्तियों की मृत्यु होती है. इस ओर ध्यान केंद्रित कर संबंधित जानकारी मांगी. इसके अलावा आवारा श्वान को कैद रखने के लिए उचित भूखंड निर्धारित करने के लिए मनपा को 4 सप्ताह का समय दिया. न्यायालय के पूर्व के एक आदेश के बाद राज्य सरकार ने शहर के चारों तरफ 5 एकड और उससे अधिक आकार के 47 सरकारी भूखंड खोजे है. इसकी सूची न्यायालय में प्रस्तुत की गई है. मनपा को शहर के चारो तरफ प्रत्येकी एक भूखंड निर्धारित करना है. मनपा की जानकारी के मुताबिक शहर में 90 हजार से अधिक आवारा श्वान है. यह संख्या आबादी की तुलना में 3 प्रतिशत है. याचिकाकर्ता की तरफ से एड. फिरदौस मिर्झा ने काम संभाला.

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