* कार्यकारी संचालक से मांगी जानकारी
नागपुर/दि.17-विदर्भ प्रकल्प विकास महामंडल ने पर्यटन विकास के लिए कितने तालाब की जमीन लीज पर दी और लीजधारकों के नामों के बारे में कडी पूछताछ मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने सोमवार को कार्यकारी संचालकों से ली है और यह जानकारी आनेवाले गुरुवार तक पेश करने का आदेश दिया है.
मामले पर न्यायमूर्तिद्धय नितिन सांबरे और वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई. प्रकल्प महामंडल ने पर्यटन विकास के लिए सुराबर्डी तालाब की कुछ जमीन व्यवसायिक अंकुर अग्रवाल को 2005 में 10 साल के लीज पर दी थी. यह लीज मार्च-2015 में समाप्त हुई. परंतु महामंडल ने उस जमीन को अपने कब्जे में लेने के लिए 9 साल विलंब किया. अग्रवाल ने जमीन का निजी उपयोग किया. विगत तारिख को उच्च न्यायालय की फटकार लगने के बाद महामंडल ने यह जमीन अपने कब्जे में ली. और इस संदर्भ में न्यायालय में प्रतिज्ञापत्र भी पेश किया. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर व्यापक विचार करके उक्त जानकारी मांगी. लगभग 75.39 हेक्टेयर परिसर में फैले और आसपास के गांव के नागरिकों की पानी की जरूरत को पूरा करने वाले सुराबर्डी तलाव के संवर्धन के लिए किसान नितिन शेंद्रे ने जनहित याचिका दायर की थी.