वर्धा/दि.१६-वर्धा-नागपुर सीमा पर स्थित सोमलगड बीट नंबर २५५ के परिसर में वनविभाग के कर्मचारियों को गश्त के दौरान मानवी हड्डीयों का ढांचा दिखाई दिया. इस मामले में सिंदी रेलवे पुलिस ने सेलडोह ग्रामवासियों की मदद से मृतक की पहचान करायी. हड्डीयों का ढांचा सेलडोह निवासी अशोक दौलत उईके का होने की जानकारी मृतक की पत्नी और बेटे ने दी.
मिली जानकारी के अनुसार सिंदी (रेल्वे) नजदीक सेलडोह गांव के पास सोमलगड जंगल में मानवी हड्डीयों का ढांचा बिखरा हुआ दिखाई दिया था. जिसकी जानकारी वनकर्मचारियों ने केलझर के वनपाल नंदकिशोर पाचपोर को दी गई. उन्होंने तुरंत सिंदी रेलवे पुलिस को जानकारी दी.
मृतक अशोक उईके की सोमलगड जंगल के पास खेतीबाडी होने से वह खेत की झोपडी में रहता था. १५-१५ दिनों तक वह घर नहीं आता था. जिसके चलते परिजनों ने उसके लापता होने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज नहीं करायी थीं. अशोक खेत की झोपडी या फिर खेत के पेड के नीचे रहता था. वनविभाग के कर्मचारियों को गश्ती के दौरान बदबू आने से उन्होंने जाकर देखा तो बिखरी अवस्था में मानवी शरीर के अवयव दिखाई दिए.
दोन साल पूर्व अशोक को पैर फ्रैक्चर हुआ था. इसीलिए उसके पैर की शल्यक्रिया कर रॉड डाला गया था. मृतक के शरीर के हड्डीयों के ढांचे के पास लोहे के रॉड व नटबोल्ट दिखाई देने पर उसकी पत्नी व बेटे ने शव अशोक का होने की जानकारी पुलिस को दी. मामले की जांच थानेदार चंद्रशेखर चकाटे, पुलिस उपनिरीक्षक जयेंद्र नगराले, दिलीप कडू, बलवंत पिंपलकर, संदीप सोयाम कर रहे है.