मोर्शी तहसील के सैकडों सीमेंट बांध नष्ट होने की कगार पर
अटल भूजल, जलयुक्त शिवार योजना के काम ठंडे बस्ते में
* भूगर्भ के पानी का स्तर घटा, किसान संकट में, संतरा उत्पादको को लगा झटका
मोर्शी/ दि.1– मोर्शी तहसील के जलयुक्त शिवार, अटल भुजल योजना सहित अन्य योजना के माध्यम से जलसंधारण के काम पर करोडो रूपए खर्च करके भी मोर्शी तहसील को लगा ड्रायझोन का कलंक नहीं मिट सका. ड्राय झोन मोर्शी तहसील में शासन के अटल भूजल योजना के माध्यम से करोडों रूपए के काम का नियोजन कर, अटल भूजल, जलयुक्त शिवार योजना द्बारा जलसंधारण के काम बडे प्रमाण में किए जाते है. इसलिए अटल भूजल, जलयुक्त शिवार योजना की ओर बडी आशा से देखा जाता है. सूखे अकाल पर जीत हासिल करने के लिए शासन की ओर से तहसील के विविध गांव का समावेश अटल भूजल व जलयुक्त शिवार योजना के लिए किया गया. परंतु मोर्शी तहसील में अटल भूजल व जलयुक्त शिवार से पानी के नैसर्गिक संग्रह का मजबूतीकरण करने का पूरा-पूरा प्रयास होते हुए दिखाई नहीं देता. इसके अलावा कृत्रिम तालाब निर्माण के लिए भी अवसर है. तहसील में सुक्ष्म नियोजन की व अत्यावश्यक जलसंधारण के काम को प्रधानता देने की आवश्यकता है.
मोर्शी तहसील में कुछ वर्ष पूर्व शासन ने तैयार किए गये सैकडो सीमेंट प्लग बंधारे व कोल्हापुरी बंधारे शासन के अनदेखा के कारण अटल भूजल, जलयुक्त शिवार योजना के माध्यम से मोर्शी तहसील में निधि उपलब्ध न होने का खेद है.
तहसील में अस्तित्व में रहनेवाले सभी सीमेंट प्लग बांध के व कोल्हापुरी बांध का गहराईकरण उसका सुधार अटल भूजल, जलयुक्त शिवार योजना के माध्यम से करने पर सैकडों बांध के माध्यम से गहराईकरण उसका सुधार अटल भूजल, जलयुक्त शिवार योजना क माध्यम से करने पर सैकडों बांध के माध्यम से मोर्शी तहसील के किसानों को सिंचाई उपलब्ध होकर उसका लाभ हजारों किसानों को बडे प्रमाण में हो सकता है.
अटल भूजल, जलयुक्त शिवार योजना के प्रलंबित व नये से मंजूर हुए काम तत्काल पूरे करने की आवश्यकता ह््ै सीमेंट प्लग बांध, कोल्हापुरी बांध सुधार करना, गहराईकरण करना, खेत तालाब, सिंचाई प्रकल्प के अधूरे काम आदि कामों को देर क्यों लग रही है. इसका जवाब प्रशासन को पूछने के लिए व उसके लिए व उसके लिए कठोर भूमिका लेने की आवश्कता निर्माण हो गई है. मोर्शी तहसील के अटल भूजल, जलयुक्त शिवार योजना के काम ठंडे बस्ते में पडे है. जिसके कारण तहसील के किसानो को राहत मिलेगी व सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी, ऐसी कोई भी उपाय योजना संबंधित यंत्रणा चलाते हुए दिखाई नहीं देती जिसके कारण किसान निराश हो गया है.
प्राकृतिक की लहर के कारण कम पडनेवाला बारिश का फटका अब सभी को सहन करना पड रहा है. तालाब, सिंचाई प्रकल्प, कोल्हापुरी बंधारे, खेततालाब शुरूआत में ही सुखे पडे है. खेत के कुएं के साथ गांव के कुएं का भी लेवल गहरा है. मोर्शी तहसील में 500 से 1000 फुट तक खोदी जानेवाले बोअरवेल के कारण पानी के उपशा के कारण स्थिति गंभीर हो गई है. इस साल जनवरी माह की शुरूआत में भूर्गभ का पानी का स्तर तेजी घट रहा है. प्राकृतिक जलस्त्रोत पर उसका परिणाम समझ में आता है. मोर्शी तहसील के खेत के कुछ कुएं जनवरी माह में ही सूख गये है. किसानों को पानी के लिए भटकने की नौबत आने के संकेत है. उस पर अटल भूजल योजना, जलयुक्त शिवार योजना सहित विविध योजना के माध्यम से अस्तित्व में आए सैकडों बंधारे की सुधार कर विविध प्रकार के जलसंसाधन के काम पूरे न होने पर ड्रायझोन मोर्शी तहसील की स्थिति में गंभीरता आने की संभावना है.