उपस्थिति पूरी नहीं, तो बोर्ड परीक्षा से वंचित रखना सही
१० वीं सीबीएसई बोर्ड प्रकरण में हाईकोर्ट का फैसला

नागपुर/दि.५ – बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया आदेश में साफ किया है कि, यदि तय मानक से कम उपस्थिति के कारण सीबीएसई बोर्ड किसी विद्यार्थी को परीक्षा से वंचित रखता है, तो सीबीएसई अपनी जगह सही है. हाईकोर्ट प्रकरण में दखल नहीं देगा. मामला वर्धा के एक सीबीएसई स्कूल के १० वीं के विद्यार्थी का है. याचिकाकर्ता विद्यार्थी की १० वीं कक्षा में उपस्थिति कम थी. ऐसे में सीबीएसई ने उसे १० वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं होने देने का फैसला लिया. विद्यार्थी के स्कूल ने भी सीबीएसई से विद्यार्थी को परीक्षा में बैठने देने की अनुमति देने की विनती की. लेकिन सीबीएसई ने इससे इंकार कर दिया. अंतत: विद्यार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
हाईकोर्ट ने मामले में अंतरिम आदेश जारी करके विद्यार्थियों को परीक्षा देने की अनुमति तो दी, लेकिन उसके रिजल्ट को याचिका के फैसले के अधीन रखा. छात्र ने सीबीएसई १० वीं बोर्ड परीक्षा दी, लेकिन सीबीएसई ने उसका रिजल्ट रोक कर रखा. इस मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को यह पता चला कि विद्यार्थी की उपस्थिति मात्र २५ प्रतिशत ही रही है. इसके बाद कोर्ट ने मामले में दखल देने से इंकार कर दिया. हालांकि विद्यार्थी को राहत देने के लिए हाईकोर्ट ने इसे स्पेशल केस मान कर १० वीं में दोबारा प्रवेश देने के आदेश स्कूल और सीबीएसई को दिए. यदि विद्यार्थी नियमित कक्षा में शामिल होकर उपस्थिति पूरी करता है, तो उसे वर्ष २०२१ में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई है.