शिक्षकों से मार नहीं खाया होता तो भाषण नहीं दे सकता था
नितिन गडकरी ने बताया शालेय जीवन का किस्सा
नागपुर/प्रतिनिधि दि.६ – शालेय जीवन में यदि शिक्षकों से मार नहीं खाया होता तो आज भाषण नहीं दे सकता था. यह शालेय जीवन का किस्सा केंद्रीय भार परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने छात्रों को बताया. नागपुर के द साऊथ पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिन पर आयोजित कार्यक्रम में वे बोल रहे थे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे बचपन में काफी शरारती थे. एक लड़की बोलते समय लड़खड़ा रही थी. उसे अंग्रेजी में संभाषण देते नहीं आया. उसने नेचरल नट्रू कहा तो उसका मजाक उड़ाना शुरु किया. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद स्कूल के मुख्याध्यापक ने मुझे और सभी शरारती बच्चों को बुलाया और जमकर पिटाई की.उस लड़की में भाषण देने की डेयरींग होने की बात कहते हुए मुख्याध्यापक ने जमकर क्लास ली थी. मुख्याध्यापक से मार खाने के बाद मन में भाषण करने की इच्छा जागृत हुई. इसके बाद भाषण करना शुरु किया.उस समय शिक्षक ने पीटा नहीं होता तो कभी भाषण नहीं दे पाता. बोलते-बोलते मराठी व धीरे-धीरे हिंदी में संभाषण देने लगा. लेकिन अंग्रेजी भाषा में बोलने में दिक्कत होती थी. इसलिए मंत्री होने के नाते विदेश में जाने पर वहां जाकर भाषण देते समय थोड़ा असहज महसूस करता था. लेकिन सामने बैठे सभी बेवकूफ है, यह समझकर भाषण देने लगा. तब धीरे-धीरे वह भी डर दूर हो गया और अंग्रेजी में भाषण देने लगा.