विदर्भ

पत्नी की कमाई अधुरी हो तो पति को निर्वाह भत्ता बंधनकारक

उच्च न्यायालय ने सुनाया फैसला

नागपुर/ दि.11 – पति जिस दर्जे का जीवन जीता है, उस दर्जे का जीवन जीने का पत्नी को अधिकार है. पति समान जीवन जीने के लिए पत्नी की कमाई अधुरी पड रही है, तो पति को उसे निर्वाह भत्ता देना बंधनकारक है, ऐसा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने एक मुकदमे के फैसले में स्पष्ट किया.
न्यायमूर्ति गोविंदा सानप ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. 1 सितंबर 2022 को नागपुर पारिवारिक न्यायालय ने पीडित पत्नी व बच्ची को प्रति 10 हजार रुपए का अतिरिक्त मासिक निर्वाह भत्ता मंजूर किया. इसके बाद पति पत्नी के निर्वाह भत्ते के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. पत्नी निजी संस्था में कार्यरत है, उसे 22 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है. इसके कारण उसे निर्वाह भत्ते की जरुरत नहीं, ऐसा दावा पति ने किया था. उच्च न्यायालयन ने उपरोक्त बात स्पष्ट कर उसका दावा खारिज कर दिया. पति का मासिक वेतन 1 लाख रुपए से अधिक है, उसी तरह वह अन्य मार्ग से आर्थिक कमाई करता है. पत्नी को मासिक 10 हजार रुपए निर्वाह भत्ता देना जरुरी है. कम कमाई कर रही पत्नी को भरपुर कमाई कर रहे पति से निर्वाह भत्ता मांगने का अधिकार है, ऐसा अदालत ने फैसले में उल्लेख किया.
पत्नी के परिश्रम की ओर ध्यान खिचा
पत्नी पर बेटी के देखभाल की जिम्मेदारी है. इसके साथ उसे नौकरी भी करना पडता है. दोनों जिम्मेदारियों को न्याय देते समय उसे कितनी समस्याओं का सामना करना पडता होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है, इस ओर अदालत ने ध्यान केंद्रीत किया. इस मामले की दम्पति नागपुर निवासी है. उनका 14 दिसंबर 2017 को विवाह हुआ. इसके बाद पति पत्नी को लगातार प्रताडित करता था. उसके बाद पत्नी मायके चली गई, ऐसा आरोप है.

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